50 अंक हिन्दी के अस्पष्ट प्रश्न देख कला संकाय के परीक्षार्थी असमंजस में
जमुई: शुक्रवार को प्रथम पाली में इंटर कला संकाय की एनआरबी हिन्दी 50 अंक की परीक्षा संपन्
जमुई: शुक्रवार को प्रथम पाली में इंटर कला संकाय की एनआरबी हिन्दी 50 अंक की परीक्षा संपन्न तो हो गई लेकिन परीक्षार्थियों की नींद हराम कर गई। दरअसल, उक्त विषय के प्रश्नपत्र का पांचवा प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रश्नों से संबंधित था, जो पूरी तरह अस्पष्ट था। प्रश्न संख्या पांच में एक-एक अंक के कुल पांच प्रश्न पूछे गए थे लेकिन उनके जवाब से संबंधित कोई निर्देश प्रश्नपत्र पर अंकित नहीं था, लिहाजा मेधावी परीक्षार्थियों के लिए भी ऐसे प्रश्न सिरदर्द साबित हुए।
उदाहरण देखिए
प्रश्न एक : अच्छे कामों की सिद्धि में बड़ी देर लगती है।
प्रश्न दो : मनुष्य के स्वभाव में बहुत संकीर्णता और विरुपता है। ऐसे ही तीन और प्रश्न हैं जिनके जवाब परीक्षार्थियों को देना था। इनमें यह स्पष्ट नहीं है कि उक्त गद्यांश के लेखक का नाम परीक्षार्थियों को लिखना है या फिर उस पाठ का नाम जिससे उक्त गद्यांश उधृत है। ऐसी बात नहीं है कि प्रश्न पत्र को ले बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की लापरवाही पहली बार दिखी हो। इससे पूर्व 2014 की इंटर साइंस की 100 अंक हिन्दी के प्रश्नपत्र को देख तब परीक्षार्थी चौंक गए थे जब 8 अंक के प्रश्न तब 11वीं कक्षा की हिन्दी से पूछे गए थे। इस पर बीएसईबी के तत्कालीन अध्यक्ष ने दैनिक जागरण को दी गई सफाई में कबूल किया था कि चूक हुई है। शुक्रवार को संपन्न हिन्दी 50 अंक की परीक्षा के प्रश्नपत्र को देखकर हिन्दी के अध्यापक कामदेव ¨सह ने भी ¨चता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थियों के लिए एक-एक अंक का महत्व है। ऐसी स्थिति में इन पांच अस्पष्ट प्रश्नों ने जानकार परीक्षार्थियों को भी संशय में डाल दिया।
कोट
प्रश्नपत्र में प्रश्नों से संबंधित दिशा-निर्देश का मुद्रण नहीं हो पाने का मामला उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आता। संबंधित विषय की जानकारी बीएसईबी पटना से प्राप्त की जा सकती है। -भगवान जी मिश्रा, प्रशाखा पदाधिकारी, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, क्षेत्रीय कार्यालय, मुंगेर।