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यह कैसी आफत ¨सचाई करें तो पेयजल की किल्लत

जिले में सूखाड़ के साथ साथ पेयजल की समस्या भी लोगों को परेशान कर रहा है। हुलासगंज, मोदनगंज, काको, तथा घोसी प्रखंड के कई गांवों में भीषण पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। घरों का चापाकल पानी उगलना बंद कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 10:52 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 10:52 PM (IST)
यह कैसी आफत ¨सचाई करें तो पेयजल की किल्लत
यह कैसी आफत ¨सचाई करें तो पेयजल की किल्लत

जहानाबाद । जिले में सूखाड़ के साथ साथ पेयजल की समस्या भी लोगों को परेशान कर रहा है। हुलासगंज, मोदनगंज, काको, तथा घोसी प्रखंड के कई गांवों में भीषण पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। घरों का चापाकल पानी उगलना बंद कर दिया है। ऐसे में लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है। कुछ चापाकल ही पानी उगल रहा है जहां लोगों की भीड़ लग रही है। इस मौसम में धान की फसल को बचाने के लिए पंप सेट व डीजल इंजन चलाने की जरुरत पड़ रही है। लेकिन स्थिति ऐसी है कि यदि इन इंजनों को चलाया जाता है तो कुछ ही देर के बाद सभी चापाकल पानी उगलना बंद कर देता है। ऐसे में किसानों के सामने फसलों की रक्षा के साथ साथ पेयजल की जरूरतों को भी पूरा करने की मशक्कत करनी पड़ रही है। हुलासगंज प्रखंड के सूर्यपुर, लोदीपुर, मिर्जापुर, सुकियावां, नरमा, इमादपुर, भगवानपुर,केउर,बनवरीया आदि गांवों में पेयजल की समस्या दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है। किसान बताते हैं कि धान की पटवन के लिए शुरुआती दिनों में बो¨रग का सहारा लिया जा रहा था लेकिन मोटर चलाने से भूजल स्तर और भी नीचे चला जा रहा है। परिणामस्वरूप पेयजल की समस्या और गहरी हो जा रही है। ऐसे में मोटर चलाने में भी परहेज किया जा रहा है। इधर काको प्रखंड के बारा पंचायत मे स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। यहां गर्मी के समय से ही भूजल स्तर नीचे चला गया था। हालांकि सावन के महीने के शुरुआती दिनों में बारिश होने से जल स्तर में सुधार जरूर हुआ था लेकिन इधर फिर स्थिति खराब होती जा रही है। इधर मोदनगंज प्रखंड के परियावां,चुनुकपुर, बंधुगंज, अकला विगहा, मुस्तफापुर, इसरामपुर समेत कई गांवों में भूजल स्तर काफी नीचे चले जाने के कारण पेयजल की समस्या गहरा गया है। बताते चलें कि इस वर्ष सामान्य से51. 18 फीसद कम बारिश हुई है। हालांकि धान की रोपनी 86.59 फीसद भूमि में जरूर हुई है लेकिन बारिश नहीं होने के कारण इसे बचाना मुश्किल हो गया। गहराते पेयजल संकट के कारण पंपसेट तथा डीजल इंजन भी किसान नहीं चला पा रहे हैं। ऐसे में किसानों की गाढ़ी कमाई खेतों में ही झुलस रहा है।

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