नदी का जलस्तर स्थिर, फिर भी कम न हुई समस्याएं
जहानाबाद। बारिश थमने के बाद नदियों का जलस्तर भी स्थिर बना हुआ है। लेकिन इस बाढ़ से तबाह हुए लोगों का जीवन अभी भी पटरी पर नहीं आ सका है। जगह-जगह पर जलजमाव कायम है और घर से पानी नही निकल सका है। दरधा तथा जमुने नदी के तटीय इलाके में रह रहे लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ। अभी तक यथावत बना हुआ है हालात यह है कि राहत सामग्रियों पर ही बाढ़ प्रभावित लोग पूरी तरह निर्भर हैं।
जहानाबाद। बारिश थमने के बाद नदियों का जलस्तर भी स्थिर बना हुआ है। लेकिन इस बाढ़ से तबाह हुए लोगों का जीवन अभी भी पटरी पर नहीं आ सका है। जगह-जगह पर जलजमाव कायम है और घर से पानी नही निकल सका है। दरधा तथा जमुने नदी के तटीय इलाके में रह रहे लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ। अभी तक यथावत बना हुआ है हालात यह है कि राहत सामग्रियों पर ही बाढ़ प्रभावित लोग पूरी तरह निर्भर हैं। कुछ लोगों को जहां राहत शिविर में रखा गया है वहीं अभी भी पानी से घिरे होने के बावजूद कई लोग अपने घरों में ही हैं। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों का आना जाना लगा हुआ है। वे लोग कुशल क्षेम तो पूछते ही हैं राहत का भरोसा भी दिला रहे हैं। मंगलवार को सबसे ज्यादा परेशानी सरकारी कार्यालयों में कार्य करने वाले अधिकारियों तथा कर्मियों को हुई। हालात यह है कि लबालब भरे कार्यालय परिसर में जाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में लोग गमछी पहनकर तथा अपने जूते चप्पल हाथ में लेकर कार्यालय जाने को बाध्य हो रहे हैं। इस हालात में भी उनलोगों को काम करने की बाध्यता है क्योंकि बाढ़ से लेकर कई अन्य विकास योजनाओं का क्रियान्वयन तभी होगा जब अधिकारी तथा कर्मी कार्य करेंगे। फिलहाल बतीस भंवरिया के पास से तो पानी निकल गया है लेकिन होरिलगंज, जाफरगंज समेत पहले से पानी से ग्रसित मोहल्ले अभी भी उसी हालात में है। जो भी लोग उनलोगों से मिलने जा रहे हैं सभी से बाढ़ पीड़ित अपनी समस्याओं को सुनाने में लगे हैं। अब देखना होगा कि बाढ़ की समाप्ति के बाद उनलोगों को पुन: स्थापित करने की दिशा में क्या पहल की जाती है।