नप की सफाई गाड़ी का जलता है तेल, फिर भी जगह-जगह व्यवस्था फेल
जहानाबाद। सुबह होते ही नगर परिषद की सफाई गाड़ी सड़क पर दौड़ने लगती है। उसके साथ कर्मी भी रहते हैं लेकिन इसके बावजूद भी जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा रहता है।
जहानाबाद। सुबह होते ही नगर परिषद की सफाई गाड़ी सड़क पर दौड़ने लगती है। उसके साथ कर्मी भी रहते हैं लेकिन इसके बावजूद भी जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा रहता है। स्वच्छ शहर बनाने की मुहिम में जगह-जगह कूड़े का ढेर व्यवधान उत्पन्न कर रहा है। दरअसल नगर परिषद के कर्मी कूड़े के उठा के लिए दिन में एक ही बार किसी गली में जाते हैं। यदि उस वक्त घर के लोग सक्रिय रहते हैं तब तो कूड़े का उठाव हो जाता है। लोगों के निष्क्रिय रहने पर कूड़े का ढेर गली में ही जमा रह जाता है। उसका उठाव अब अगले दिन ही होता है। परिणाम स्वरूप पूरे दिन गली का माहौल बदबूदार बना रहता है। इस व्यवस्था से निजात दिलाने की जहमत न तो कोई नप कर्मी करते हैं और न ही इसे लेकर खुद मोहल्ले के लोग ही आगे आते हैं। हालात यह है कि शहर का शायद ही कोई ऐसा मुहल्ला है जहां कूड़े का ढेर एक दो जगह एकत्रित नहीं रहे। इस हालात में पूरी तामझाम के बावजूद भी शहर की स्वच्छता बदहाल बना हुआ है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि हम लोगों को जानकारी नहीं मिल पाती है कि कब कर्मी कूड़े के उठाने के लिए आते है । ऐसे में निर्धारित स्थान पर कचरे को जमा कर देते हैं जो अगले दिन ही उठता है। कूड़े के उठाव का एक निश्चित समय हो निर्धारित
इस समस्या से निजात का एकमात्र रास्ता यही बचता है कि सफाई कर्मी के आने की समय अवधि की जानकारी मोहल्ले वासियों को भी हो ताकि वे लोग उस समय अवधि के अंदर अपने घर के कूड़े को निर्धारित स्थल पर रख सकें। जहां से उसका उठाव समय सीमा के अंदर हो जाए। सामंजस्य नहीं बनने के कारण लगातार सफाई गाड़ियों के तेल की खपत हो रही है और शहर के मोहल्लों की गलियों में कूड़े का ढेर जमा भी रह रही है। इस बीच यदि मामूली बारिश हो जाती है तो रखे गए कूड़े पानी के साथ इधर-उधर गलियों में फैल जाते हैं जिससे पूरा माहौल बदबूदार हो जाता है। कोट =
मोहल्लों में जब गाड़ियां जाती है तो सफाई कर्मी डोर टू डोर आवाज भी लगाते हैं। लोगों को भी खुद सजग रहने की जरूरत है। जब सफाई कर्मी पहुंचे तो अपने-अपने घरों से कूड़े लाकर उठाव के लिए दे दें।
मैं अपने स्तर से इस समस्या के निराकरण का प्रयास ढूंढ रहा हूं ताकि कहीं भी कूड़े का ढेर नहीं रहे।
कपिलदेव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नप