सहायता केंद्र में उग रही हैं झाड़ियां कैसे होगा हमारा शहर इंदौर
जहानाबाद। समाहरणालय से महज चंद कदमों की दूरी पर शहर की सुंदरता पर सवाल खड़ा हो रहा है। ऐसे में अपने शहर को इंदौर बनाने की पहल पर संकट के बादल दिख रहे हैं। शहर की सुंदरता की जिम्मेदारी सिर्फ नगर परिषद की ही नहीं है बल्कि इसमें जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन समेत हर विभाग अपने-अपने स्तर से योगदान दे सकता है।
जहानाबाद। समाहरणालय से महज चंद कदमों की दूरी पर शहर की सुंदरता पर सवाल खड़ा हो रहा है। ऐसे में अपने शहर को इंदौर बनाने की पहल पर संकट के बादल दिख रहे हैं। शहर की सुंदरता की जिम्मेदारी सिर्फ नगर परिषद की ही नहीं है, बल्कि इसमें जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन समेत हर विभाग अपने-अपने स्तर से योगदान दे सकता है। शहर में चौक-चौराहे पर पुलिस प्रशासन द्वारा मे आई हेल्प यू काउंटर की स्थापना की गई थी। इस काउंटर पर पूरे दिन पुलिसकर्मी तो रहते ही थे शाम ढलते ही जगमग रोशनी से काउंटर खुद-ब-खुद मार्गदर्शक की भूमिका निभाने लगते थे। यह शहर की सुंदरता में चार चांद लगाता था। इस सुंदरता पर ग्रहण खुद प्रशासन के लोग इस कदर लगा दिए हैं कि जहां लोगों को मार्गदर्शन के लिए पुलिसकर्मियों को होना चाहिए था वहां अब झाड़ियां उगी हुई।
इस स्थिति में शहर को इंदौर की तरह चकाचक बनाने की परिकल्पना के लिए भागीरथ प्रयास की जरूरत है। दरअसल जहानाबाद शहर में ऐसी घटना घटी थी जिसकी चर्चा देश-दुनिया में हुई थी। यहां का जेल ब्रेक कांड इस शहर को बदनामी का ऐसा दाग दिया था जिससे उबरने में लंबा समय लग गया। अब जहानाबाद शहर प्रदेश में स्वच्छता में 13 वें पायदान पर है, हालांकि इससे शहरवासियों की आकांक्षाएं पूर्ण नहीं हो रही है। लोग अपने शहर को पहली पंक्ति में खड़ा देखना चाहते हैं, लेकिन यह संभव तब होगा जब सभी विभाग अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए अपने स्तर से कार्य करेगा। जब कोई शहर में अनजान व्यक्ति आता है तो ठिकाने की तलाश के लिए भटकता रहता है। कई जगह भटकने के बाद उसे में आई हेल्प यू काउंटर नजर आता है लेकिन उस काउंटर में पुलिसकर्मी के बजाय झाड़ियों को देख शहर के प्रति एक अलग सोच ले कर चला जाता है। शहर को यदि हर दृष्टिकोण से उत्कृष्ट बनाना है तो इस व्यवस्था पर भी विचार करना होगा।