किसान मजदूरों के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे सुधाकर जी
जहानाबाद। स्थानीय स्वामी सहजानंद संग्रहालय परिसर में रविवार को स्वामी सहजानंद विचार मंच के अध्यक्ष रामवरन शर्मा की अध्यक्षता में भाकपा के वरिष्ठ नेता त्रिवेणी शर्मा सुधाकर की पुण्य तिथि पर समारोह का आयोजन किया गया।
जहानाबाद। स्थानीय स्वामी सहजानंद संग्रहालय परिसर में रविवार को स्वामी सहजानंद विचार मंच के अध्यक्ष रामवरन शर्मा की अध्यक्षता में भाकपा के वरिष्ठ नेता त्रिवेणी शर्मा सुधाकर की पुण्य तिथि पर समारोह का आयोजन किया गया। इस मंच का संचालन शिक्षाविद राजकिशोर ने किया। समारोह में उपस्थित लोगों ने सुधाकर जी के जीवनकृत्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि वे प्रख्यात किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के शिष्य रहे थे। अरवल जिले के कुर्था थाना क्षेत्र के मंझियावां गांव के किसान परिवार में जन्मे सुधाकर जी ने लंबे दिनों तक किसान-मजदूरों के व्यापक हित में आंदोलनों की आगुवाई की थी। वे स्वामी जी के निजी सहायक भी रहे थे। उन्हें छात्र आंदोलन का जनक माना जाता था। उनके द्वारा बाल संघ की स्थापना की गई थी। अगस्त क्रांति के दौरान वे कुर्था में गोली लगने से जख्मी हुए लेकिन स्वतंत्रता सेनानी का पेंशन लेने के लिए कभी दफ़्तर का चक्कर नहीं लगाया। स्वामी जी के मरने के बाद वे कम्यूनिष्ट पार्टी में शामिल हुए। कभी सांसद या विधायक नहीं बने। उनकी शिक्षा हिन्दी साहित्य में विसारण और साहित्य भूषण था। सुधाकर जी प्रखर प्रवक्ता माने जाते थे। वक्ताओं ने कहा कि यदि किसानों को उपज के 1.5 गुना लागत पूंजी जोड़कर दे दिया जाए तो यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस मौके पर मंच के सचिव वैजनाथ प्रसाद शर्मा, अंबिका शर्मा, विद्या सागर, आफताब आलम कादरी, देवेंद्र नारायण सिंह, माले नेता डॉ रामाधार सिंह, गोपाल शर्मा, मिथिलेश शर्मा, रामाश्रय शर्मा, डॉ राजेंद्र प्रसाद आदि लोगों ने भी अपना विचार व्यक्त किया।