सात निश्चय कार्यों का कराएं सफलतापूर्वक कार्यान्वयन
जहानाबाद। स्थानीय नगर भवन में गुरुवार को वार्ड अधिकार सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने वार्ड सदस्यों से सात निश्चय के तहत संचालित विकास कार्यों का कार्यांन्वयन सफलतापूर्वक कराने की अपील की।
जहानाबाद। स्थानीय नगर भवन में गुरुवार को वार्ड अधिकार सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने वार्ड सदस्यों से सात निश्चय के तहत संचालित विकास कार्यों का कार्यांन्वयन सफलतापूर्वक कराने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वार्ड सदस्यों की अहमियत को समझा। यही कारण है कि उसने सात निश्चय के तहत संचालित सभी विकास योजनाओं का कार्यान्वयन वार्ड सदस्यों के माध्यम से कराने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि सरकार आपके साथ है। वार्ड सदस्यों द्वारा पांच सूत्री मांगों को लेकर मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराए जाने पर उन्होंने आश्वस्त किया कि इस बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा। जहां तक संभव होगा समस्याओं के निराकरण का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आप सजग होकर तत्परता पूर्वक काम करें। सरकार आपको किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने देगी।इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधान पार्षद राजकिशोर कुशवाहा ने भी वार्ड सदस्यों को हौसला आफजाई की। संघ के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार रंजन की अध्यक्षता तथा उपाध्यक्ष ललेंद्र कुमार द्वारा संचालित सम्मेलन के दौरान मंत्री के समक्ष पांच सूत्री मांगें रखी गई। ज्ञापन में पंचायती राज विभाग द्वारा सात निश्चय योजना के कार्यान्वयन में बाधक बनने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की गई। चौखंभा शासन प्रणाली को कानूनी दर्जा दिए जाने तथा लोकसभा,विधानसभा तथा ग्रामसभा के तर्ज पर वार्ड सभा को प्रशासनिक एवं वितीय अधिकार दिए जाने की भी मांग की गई। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को मासिक नियत भत्ता के निर्णय को स्थगित कर 11 फरवरी से शुरू हो रहे विधान मंडल सत्र में सम्मानजनक मासिक वेतन दिए जाने के साथ ही आजीवन पेंशन देने के लिए कानून बनाने की मांग की गई। इस मौके पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामप्रवेश यादव, अशोक कुमार, महेश्वर शाह, दिनेश कुमार ¨सह, धनंजय तिवारी, नीरज कुमार, शशि कुमार दांगी, श्रीनाथ मिश्रा, मंटू कुमार, रविशंकर, मुकेश कुमार, कांति देवी, उदय कुमार कांत, पवन कुमार आदि लोगों ने भी अपना विचार व्यक्त किया।