आवश्यकता 12 हजार पर अब तक मिली 33 सौ एमटी खाद
जहानाबाद खाद को लेकर किसान बेचैन है। गेहूं की बुआई में डीएपी खाद की आवश्यकता अधिक पड़ती है। जिले में केवल यूरिया की आपूर्ति की जा रही है।
जहानाबाद : खाद को लेकर किसान बेचैन है। गेहूं की बुआई में डीएपी खाद की आवश्यकता अधिक पड़ती है। जिले में केवल यूरिया की आपूर्ति की जा रही है। 12 हजार टन में अब तक मात्र 33 सौ टन ही यूरिया खाद ही जिले के किसानों के लिए मिल सका है। ऐसे में किसानों को रबी फसल लगाने में समस्या हो रही है। हद तो तब हो जा रही है जब किसान अपने काम छोड़कर खाद की जानकारी मिलने पर इधर-उधर दौड़ जा रहे हैं। हालांकि डीएपी नहीं मिलने पर थक हारकर यूरिया खरीद कर बुआई कर रहे हैं। कृषि पदाधिकारी सुनिल कुमार ने बताया कि इफको का डीएपी चार सौ टन दो दिन में आने की संभावना है। उन्होंने किसानों से यूरिया के मिश्रण से बुआई करने की अपील की। डीएपी खाद की जगह एसएसपी एवं एनपीके के मिश्रण का प्रयोग कर गेहूं की फसल लगा सकते हैं। डीएपी के विकल्प के रूप में तीन बैग एसएसपी एवं एक बैग यूरिया का मिश्रण का प्रयोग कर फसल लगाए। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि खाद में नाईट्रोजन,फास्फोरस एवं सल्फर की मात्रा एक सामान है।
गेंहू फसल की बुआई का कार्य तेज है। किसान धान की कटनी कर उसमें रबी, दहलन एवं तेलहन फसल लगाने में व्यस्त है। किसानों को डीएपी खाद नहीं मिलने से परेशानी हो रही है। रबी फसल में डीएपी खाद जरुरी है। ऐसे में खाद बाजार से गायब है। डीएपी खाद के लिए किसान इधर-उधर भटक रहे हैं। सहवाजपुर निवासी रामईश्वर साव, अशोक महतो, हीरालाल यादव ने बताया कि डीएपी खाद के लिए इंतजार करने में खेत की नमी समाप्त हो जाएगी। नमी समाप्त होने के उपरांत पुन: खेत को सिचाई करना पड़ेगा। नमी आने में फसल पिछात हो जाएगा।