मां सरस्वती की पूजा की तैयारी में जुटे लोग
जहानाबाद । विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना को लेकर भक्तों का उत्साह चरम पर देखा जा रहा है।
जहानाबाद । विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना को लेकर भक्तों का उत्साह चरम पर देखा जा रहा है। जगह-जगह पर पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। इधर मुर्तिकार भी मां की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। उनलोगों द्वारा प्रतिमाओं को सजाया संवारा जा रहा है। शहर के राजाबाजार स्थित बाजार समिति परिसर में भव्य पंडाल के निर्माण में कारीगर जुटे हैं। इसके साथ-साथ पूजा स्थलों पर साफ-सफाई भी जोर शोर से किया जा रहा है। पूजा में कहीं किसी प्रकार की अपवित्रता न रहे इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। मूर्ति निर्माण से जुड़े कलाकार माता की प्रतिमा के अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। मोहल्ले के पूजा समिति के लोग इसे लेकर काफी सक्रिय दिख रहे हैं। खासकर संतोष कुमार उर्फ बूटन, मुरली कुमार, सोनू कुमार, लड्डु कुमार, विकास कुमार तथा उज्ज्वल कुमार इस आयोजन में सक्रिय सहयोग कर रहे हैं। पाठक टोली मुहल्ले में पूजा के मौके पर भव्य आयोजन करने की तैयारी चल रही है। आयोजकों ने बताया कि यहां प्रति वर्ष पूरे श्रद्धा के साथ माता की पूजा अर्चना की जाती है। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तगण प्रसाद ग्रहण करने पहुंचते हैं। विद्या की देवी की पूजा को लेकर शैक्षणिक संस्थान में भी तैयारी जोरों पर चल रही है। विद्यालय की साफ-सफाई के साथ-साथ अन्य बच्चे तैयारी में भी जुट गए हैं। बताते चलें कि वसंत पंचमी को विद्यादायिनी माता सरस्वती की पूजा अर्चना से विद्या तो प्राप्त होती ही है अन्य प्रकार की समृद्धि भी मिलती है। जानकार बताते हैं कि विद्या की देवी की कामना से ही लक्ष्मी के आगमन का भी मार्ग प्रशस्त होता है। ऋषि-मुनियों ने भी माता सरस्वती की कृपा से ही शास्त्रों की रचना करने में सफलता हासिल की थी। तुलसीदास माता सरस्वती की वंदना से प्राप्त आशीषफलों के कारण ही रामचरित मानस की जीवंत रचना कर युगों युगों तक इसके रस में लोगों को सरावोर करने की उत्कृष्ट प्रसंग वर्णित की थी। इतना ही नहीं मां सरस्वती की कृपा के बिना प्राप्त धन भी निरर्थक साबित होता है। कई ऐसे उदाहरण हैं जिसे लक्ष्मी की अनुकंपा से काफी धन हासिल हुआ लेकिन सरस्वती की कृपा न रहने से उसका धन उसे लाभकारी फल देने के बजाय हानिकारक फल प्रदान किया।