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Bihar: जहानाबाद में पुलिस की गोली के शिकार नालंदा के छात्र की इलाज के दौरान मौत, 44 दिनों से था भर्ती

Bihar गोली मारने वाला एएसआई सनकी मिजाज का था। वह सर्विस रिवॉल्वर के साथ अपने पास हमेशा एक धारदार हथियार रखता था। हर दिन उसपर धार चढ़ाता था। इस बारे में जानते हुए भी अधिकारी अनसुना करते थे।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerPublished: Fri, 12 May 2023 12:33 PM (IST)Updated: Fri, 12 May 2023 12:33 PM (IST)
Bihar: जहानाबाद में पुलिस की गोली के शिकार नालंदा के छात्र की इलाज के दौरान मौत, 44 दिनों से था भर्ती
पुलिस की गोली का शिकार हुए नालंदा के छात्र की इलाज के दौरान मौत।

जागरण संवाददाता, जहानाबाद: 28 मार्च को वाहन चेकिंग के दौरान बाइक नहीं रोकने पर ओकरी पुलिस ने बाइक सवार छात्र को गोली मार दी थी, उसे इलाज के लिए नालंदा के हिलसा फिर पटना में भर्ती कराया गया था, 44 दिनों तक चले लंबे इलाज के बाद गुरुवार की देर रात छात्र ने दम तोड़ दिया।

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मृतक सुधीर नालंदा जिले के तेल्हाड़ा थाना क्षेत्र के कोरथु गांव निवासी रविन्द्र यादव का बेटा था। ओकरी के थानेदार राजकिशोर प्रसाद ने छात्र की मौत की पुष्टि की है।

पुलिस को देखकर भागा तो मार दी गोली

घटना के दिन अनंतपुर गांव के पास वाहनों की चेकिंग चल रही थी। इसी बीच सुधीर वहां से बाइक लेकर गुजर रहा था। हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस नहीं रहने के कारण वह पुलिस को देखते ही भागने लगा, जिससे पुलिस ने उसे गोली मार दी थी।

सुधीर निजी काम से अपने गांव से जहानाबाद जा रहा था। युवक को दाहिनी तरफ छाती में गोली मारी गई थी, जो रीढ़ में जा अटकी थी। मामले में ओकरी थाने के एएसआई मुमताज अहमद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

चेकिंग टीम में शामिल थानेदार चंद्रहास सिंह समेत एएसआई भीम कुमार, सिपाही विनय कुमार और सिपाही कुमार महेश को निलंबित कर दिया गया था। एएसआई मुमताज अहमद पर सुधीर कुमार की हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट का मुकदमा ओकरी थाने में दर्ज किया गया था।

एएसआई के पास से जब्त सर्विस रिवॉल्वर व कारतूस को कोर्ट में पेश किया गया था। छात्र के पिता के बयान पर थानेदार चंद्रहास कुमार पर मुकदमा किया गया था।

हत्यारोपित एएसआई मो. मुमताज खान पिछले ढाई साल से ओकरी माडल थाने में तैनात था। वह मूल रूप से सासाराम जिले का निवासी है।

सनकी है आरोपी, रिवॉल्वर के साथ रखता था गड़ासा

नालंदा के निर्दोष छात्र सुधीर को गोली मारने वाला मुमताज अहमद सनकी मिजाज का एएसआई था। वह सर्विस रिवॉल्वर के साथ अपने पास हमेशा एक धारदार हथियार (गड़ासा) रखता था। थाने में हर दिन उसपर धार चढ़ाता था। इसकी भनक वरीय अधिकारियों को भी थी। लेकिन सबकुछ जानने के बाद भी उसकी हरकत को अनसुना किया जाता रहा।

वह वर्दी भी कम ही पहनता था। हाफ पैंट-टी-शर्ट या लूंगी-टी-शर्ट में ही गश्ती या छापेमारी के लिए निकल जाता था। घटना के दिन भी वह टी-शर्ट व हाफ पैंट में अनंतपुर पहुंचा था। वह भी बिना किसी आदेश के।

घटना के दिन चेकिंग स्पॉट पर थानेदार चंद्रहास सिंह, एएसआई भीम कुमार, सिपाही विनय कुमार और सिपाही कुमार महेश एक साथ एक जगह तैनात थे, जबकि एएसआई मुमताज उनसे तीन सौ मीटर दूर खड़ा था।

इसी बीच बाइक सवार सुधीर गुजरा तो पुलिस टीम ने उसे रुकने का इशारा किया, लेकिन उसने बाइक की स्पीड बढ़ा दी थी। यह देख तीन सौ मीटर आगे खड़े एएसआई मुमताज ने अपनी पिस्टल निकाल ली और हाथ देकर उसे रोकना चाहा, नहीं रुकने पर उसपर गोली दाग दी थी।

घटना के बाद आराम फरमा रही थी पुलिस

छात्र को गोली मारने के बाद पुलिस टीम ओकरी थाने आकर आराम फरमा रही थी। पुलिस इस बात से अनभिज्ञ थी कि युवक को गोली जा लगी है। दो-तीन घंटे के बाद मामला उजागर हुआ।

23 वर्षीय सुधीर किसान रविंद्र यादव का इकलौता पुत्र था। वह हिलसा में बीए पार्ट वन का छात्र था। पटना में रहकर कोचिंग करता था। छठ पूजा को लेकर छुट्टी में गांव आया हुआ था। एक साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। उसकी तीन बहनें हैं।


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