10 लाख फिरौती के लिए किया गया था आईटी कार्यालय के कर्मी का अपहरण
जहानाबाद। स्थानीय समाहरणालय स्थित आईटी कार्यालय के कर्मी मंतोष कुमार का अपहरण 10 लाख रूपए फिरौती के लिए किया गया था।
जहानाबाद। स्थानीय समाहरणालय स्थित आईटी कार्यालय के कर्मी मंतोष कुमार का अपहरण 10 लाख रूपए फिरौती के लिए किया गया था।गनिमत थी कि इस घटना की जानकारी मिलते ही एसपी मनीष गंभीर हुए और वे स्वयं मोबाईल टॉवर लोकेशन के आधार पर अपहर्ताओं की गिरफ्तारी व अपहृत कर्मी की बरामदगी में लग गए। एसपी की तत्परता के कारण ही घटना के 12 घंटे के भीतर अपहरण की घटना के मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही कर्मी की बरामदगी भी हो गई। एसपी ने इस उपलब्धि में शामिल पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों को पुरस्कृत किए जाने की घोषणा की है। स्थानीय नगर थाने में इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए एसपी मनीष ने बताया कि पाली थाना क्षेत्र के लोदीपुर लांजो निवासी मंतोष कुमार समाहरणालय के आरटीपीएस कार्यालय में कर्मी के रूप में कार्यरत है। 18 नवंबर को सवेरे वह मलहचक स्थित आवास से पटना के लिए निकला था। उसने अपने मोबाईल फोन के जरिए पत्नी को यह जानकारी दी थी कि उससे फिरौती के रूप में 10 लाख रूपए की मांग की जा रही है। साथ ही नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इस घटना की जानकारी मिलते ही एसपी ने घटना में उपयोग किए गए मोबाईल नंबर के आधार पर तकनीक साक्ष्य उपलब्ध किया। एसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। उस टीम में अपर पुलिस अधीक्षक अभियान संजीव कुमार तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रभात भूषण श्रीवास्तव सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों को शामिल किया गया। एसपी ने बताया कि टीम के लोगों द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए संगठित गिरोह के सक्रिय सदस्य परसबिगहा थाना क्षेत्र के पंडित बिगहा निवासी सत्येंद्र यादव को गिरफ्तार किया गया। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने अपहरण की घटना में शामिल अन्य सात-आठ लोगों का नाम भी बताया। उसने पुलिस के समक्ष यह स्वीकार किया कि फिरौती के उद्?देश्य से उसका अपहरण किया गया था। एसपी ने बताया कि जैसे ही सत्येंद्र की गिरफ्तारी हुई उसमें शामिल अन्य लोग पुलिस का दबाव महसूस करने लगे। उनलोगों ने ¨कजर के आसपास उसे छोड़ दिया। परिणामस्वरूप पुलिस द्वारा उसे बरामद कर दिया गया। एसपी ने बताया कि अपहरण की घटना में उपयोग किए गए स्कार्पियो बीआर-02एसी-4367 को ¨कजर थाना क्षेत्र के झिकटिया से बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि अपहृत की सकुशल बरामदगी पुलिस की पहली प्राथमिकता थी। यही कारण है कि उसने सावधानी पूर्वक कार्रवाई करते हुए घटना के 12 घंटे के भीतर अपहृत कर्मी को बरामद कर लिया। उन्होंने बताया कि जिन लोगों द्वारा उसका अपहरण किया गया था उनलोगों का अपराधिक इतिहास भी है।