डेढ़ साल बाद बाबा के दरबार में भक्तों ने लगाया जयकारा
जहानाबाद। बाणावर के कण-कण में रविवार को भक्तों का जयकारा आस्था की मिठास घोल रही थी। भक्तों के चेहरे की भाव भंगिमा उनके अंत करण से ऐसे फुट रही थी मानो तपती भूमि सदियों से बारिश की फुहार को लालायित हो।
जहानाबाद। बाणावर के कण-कण में रविवार को भक्तों का जयकारा, आस्था की मिठास घोल रही थी। भक्तों के चेहरे की भाव भंगिमा, उनके अंत: करण से ऐसे फुट रही थी मानो तपती भूमि सदियों से बारिश की फुहार को लालायित हो। आखिर हो भी क्यों न, कोविड के काल ने उन्हें तकरीबन डेढ साल तक रोक जो रखा था। भगवान और भक्तों के बीच बाधक बनी कोरोना की दीवार आज टूट चुकी थी। दो साल बाद अनंत चतुर्दशी के मौके पर भक्त बाबा के दरबार में हाजरी लगाने पहुंचे थे। तादात काफी अधिक थी सो सुरक्षा और कोविड प्रोटोकॉल के पालन को सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे। यहां बता दें कि आस्था और भक्ति का महत्वपूर्ण स्थल वाणावर में सावन के महीने में लगने वाला श्रावणी मेला और अनंत चतुर्दशी पर बाबा सिद्धनाथ की पूजा अर्चना,प्रसिद्ध है। साल में इन दो अवसरों पर यहां शिवभक्तों की काफी भीड़ जुटती है। पहाड़ की चोटी पर अवस्थित बाबा सिद्धनाथ मंदिर में पूजा अर्चना और जलाभिषेक के लिए दूर दूर से भक्त जुटते हैं।
इधर अप्रैल 2020 के बाद कोरोना को देखते हुए मंदिर में सार्वजनिक पूजा पाठ पर पूरी तरह रोक लगा दिया गया था। नतीजा रहा कि ना तो पिछले साल और ना ही इस साल सावन में यहां मेले का आयोजन हो सका। अब जबकि मंदिर को पूजा पाठ के लिए खोला गया तो भक्त बाबा के दरबार में हाजरी लगाने को दौड़े चले आये। रविवार को अनंत चतुर्दशी पर भक्तों की भारी भीड़ यहां जुटी। जो बाबा सिद्धनाथ पर जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की। शिवभक्तों का उत्साह देखते बन रहा था। हर हर महादेव और बोल बम के जयघोष के साथ पहाड़ी रास्ते पर उत्साह से लबरेज होकर बढ़े जा रहे थे। बहरहाल तकरीबन डेढ़ साल बाद एक बार फिर बाबा नगरी शिवभक्तों से गुलजार हो गया।