Jahanbad News: मां दुर्गा के दर्शन-पूजन के लिए पूजा पंडालों में उमड़ी भीड़, झांकियां देखने जुटे भक्त
पंडाल में विभिन्न तरह की झांकी प्रस्तुत की गई है। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पूजा कमेटी के साथ पुलिस बल की तैनाती है। पूजा पंडाल के आसपास कहीं-कहीं बच्चों के लिए झूला लगाया गया है। बच्चों के हाथों में गुबारा और खिलौने देखे जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, अरवल : रविवार को सभी पूजा पंडालों में मां दुर्गा का पट खुल गया। पट खुलते ही माता के दर्शन-पूजन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई माता के दर्शन व पंडाल की खूबसूरती देखने के लिए व्याकुल थे। कई जगहों पर पंडाल में विभिन्न तरह की झांकी प्रस्तुत की गई है। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पूजा कमेटी के साथ पुलिस बल की तैनाती है। पूजा पंडाल के आसपास कहीं-कहीं बच्चों के लिए झूला लगाया गया है। बच्चों के हाथों में गुबारा और खिलौने देखे जा रहे हैं। कुल मिलाकर पूरा जिला दुर्गा पूजा के हर्षोल्लास में डूब गया है। रविवार को धूमधाम से मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की गई। सदैव शुभ फल देने के कारण इनको शुभंकरी भी कहा जाता है।
मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जानी जाती हैं, इसलिए इनका नाम कालरात्रि है। रविवार को भक्तों ने पूजा पंडालों में नारियल, भतुआ, ईख आदि की बलि माता को प्रसन्न करने के लिए दी। सोमवार को नवरात्र की अष्टमी है। आज के दिन कैलाश से उतरकर मां के घर पहुंचीं दुर्गा के महागौरी रूप की आराधन की जाती है। महागौरी के पूजन से धन-धान्य, सुख समृद्धि और अभय का वरदान मिलने की मान्यता है। महागौरी के स्वरूप महाअष्टमी के दिन महागौरी देवी के चार हाथों में से दो हाथ आशीर्वाद देने की मुर्दा में होते हैं और दो हाथों में डमरू और त्रिशूल रहता है। महागौरी सफेद या हरा वस्त्र धारण करती हैं यह दिन देवी दुर्गा के अस्त्र शस्त्रों की पूजा की जाती है। अष्टमी पर लाल फूल, लाल चंदन, दिया, धूप जैसी चीजें से मां दुर्गा का पूजन होता है। माता को अर्पण मंदिरों में इस दिन महाअष्टमी का जागरण होता है। रात्रि जागरण से माता महागौरी विशेष रुप से अपने भक्तों पर कृपा करती हैं। महिलाएं देवी मां को लाल चुनरी लाल, हरी चूड़ियां और सिंदूर अर्पित करती हैं और अपने सुख सौभाग्य के लिए प्रार्थना करती हैं।