खेतों में जलजमाव ने बढ़ाई किसानों की परेशानी
संवाद सूत्र कुचायकोट (गोपालगंज) इस वर्ष अतिवृष्टि से धान की फसल में भारी नुकसान उठा चुके
संवाद सूत्र, कुचायकोट (गोपालगंज) : इस वर्ष अतिवृष्टि से धान की फसल में भारी नुकसान उठा चुके किसानों की समस्या रबी की बुआई के समय भी समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। जिन खेतों में पानी जमा होने से धान की फसल बर्बाद हुई थी, उन खेतों के बहुत बड़े हिस्से में अभी भी पानी जमा रहने या खेत में अत्यधिक नमी के चलते गेहूं या तिलहन की बुआई करना भी किसानों के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। कुचायकोट प्रखंड के दो दर्जन से अधिक पंचायतों में अभी भी खेतों के कुछ हिस्से में जलजमाव की समस्या से किसान परेशान हैं।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष कुचायकोट प्रखंड में 13,500 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल लगाने का लक्ष्य रखा गया है। खेतों में जलजमाव व कई इलाकों में खेतों में अधिक नमी होने के कारण वर्तमान परिस्थिति में यह लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। इस साल सितंबर माह तक लगातार बारिश होने के कारण यह समस्या पैदा हुई है। कुचायकोट प्रखंड के संगवाडीह, बड़हरा ,सेमरा, बनकटा, अहियापुर, ढोढवलिया, भोपतापुर, सिसवा, बलिवनसागर समेत दो दर्जन से अधिक पंचायत ऐसे हैं जिनमें अभी भी जलजमाव की समस्या बरकरार है। ऐसे में इन पंचायतों के कुछ खेतो में रबी फसलों की बुआई नहीं हो पाने की स्थिति में रबी अभियान में गेहूं की बुआई का लक्ष्य पूर्ण होने की संभावना नहीं है।
खाद व बीज की किल्लत झेल रहे किसानों ने ई-किसान भवन पर किया प्रदर्शन
संवाद सूत्र, कुचायकोट (गोपागंलज) : कुचायकोट प्रखंड में खाद और बीज की किल्लत झेल रहे किसानों का धैर्य शुक्रवार को जवाब दे गया। प्रखंड के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे किसानों ने ई किसान भवन पर खाद और बीज के समस्या को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों में बड़ी संख्या में महिला किसान भी शामिल रही।
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आरोप लगाया कि प्रकृति की मार से पहले ही हलकान किसानों को कृषि विभाग से कोई मदद नहीं मिल पा रही है। प्रखंड में इस समय रवी फसलों की बुवाई का सीजन है और प्रखंड की दुकानों से खाद पूरी तरीके से गायब है। सरकार के तरफ से अनुदानित दर पर मिलने वाला बीज भी कृषि विभाग उपलब्ध नहीं करा रहा हैं। किसानों का कहना था कि बीज कृषि विभाग कब और कैसे वितरित करता है, इस बात की जानकारी किसानों को नहीं मिल पाती। जब किसान बीज के लिए पहुंचते हैं तो संबंधित पदाधिकारी बीज खत्म होने की बात कह कर उन्हें वापस भेज देते हैं। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कृषि विभाग के पदाधिकारियों के मिलीभगत से कुछ दुकानदारों द्वारा खाद की कालाबाजारी का भी आरोप लगाया गया। बाद में कृषि विभाग के पदाधिकारियों को समझाने बुझाने और जल्द ही खाद की आपूर्ति दुकानों तक करने के आश्वासन के बाद नाराज किसान वापस अपने घरों को लौटे। प्रदर्शन करने वालों में प्रमुख रूप से चंदन तिवारी, अदालत महतो, बाबूलाल महतो, पार्वती देवी, डोमा महतो, रामावती देवी, चंपा देवी, बसंती कुंवर, रिकू देवी तथा द्वारिका महतो आदि शामिल रहे। इस संबंध में कृषि पदाधिकारी राघव प्रसाद का कहना था कि प्रखंड की दुकानों में खाद की कमी है। जिसको लेकर जिला कार्यालय के माध्यम से सरकार को डिमांड भेजी गई है। जैसे ही खाद की रैक उपलब्ध होगी किसानों को सरकारी दर पर खाद उपलब्ध होने लगेगा। उन्होंने प्रखंड में खाद के किसी तरह की कालाबाजारी से पूरी तरह इंकार किया।