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आगरा बस हादसे में गोपालगंज के तीन और कामगारों की मौत, एक गांव में उठी तीन अर्थी

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आगरा में रविवार की सुबह हुए बस हादसे में जिले के तीन और कामगारोंं की मौत हो गई। अभी भी दो का इलाज आगरा में चल रहा है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 04:31 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 04:31 PM (IST)
आगरा बस हादसे में गोपालगंज के तीन और कामगारों की मौत, एक गांव में उठी तीन अर्थी
आगरा बस हादसे में गोपालगंज के तीन और कामगारों की मौत, एक गांव में उठी तीन अर्थी

गोपालगंज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आगरा के रसुलपुर गांव के समीप रविवार की सुबह हुए बस हादसे में बस में सवार जिले के तीन और कामगारोंं की मौत हो गई। जिससे इस हादसे में जिले के मरने वाले कागमारों की संख्या चार हो गई। इस हादसे में मारे गए तीन कामगार जिले के सिधवलिया थाना क्षेत्र के लोहिजरा गांव के निवासी थे। हादसे में घायल इस गांव के दो कामगारों का इलाज आगरा के अस्पताल चल रहा है। एक साथ तीन लोगों की मौत से लोहिजरा गांव मेंं मातम पसरा गया है। सोमवार की सुबह हादसे में मारे गए तीनोंं कामगारोंं को शव गांव लाए जाने के बाद लोहिजरा गांव दहल उठा। स्वजनों की चीत्कार से ग्रामीणोंं की आंखेंं भी नम हो गईं।

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मुजफ्फपुर से दिल्ली जा रही बस रविवार की सुबह लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर आगरा के रसुलपुर गांव के समीप एक वाहन से टकरा गई थी। इस हादसे मेंं जिले के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के एकडेरवां गांव निवासी असर्फी प्रसाद की मौके पर ही मौत हो गई थी तथा जिले के सिधवलिया थाना क्षेत्र के लोहिजरा गांव निवासी पांच कामगार घायल हो गए थे। रविवार की रात इस हादसे में घायल सिधवलिया थाना क्षेत्र के लोहिजरा गांव निवासी लक्ष्मी साह, मोतीलाल ठाकुर, चंद्रिका राम की भी मौत हो गई।

दो घायल का आगरा में चल रहा इलाज

हादसे में घायल इस गांव के निवासी वीरबल महतो तथा नरेश महतो का इलाज आगरा के अस्पताल में चल रहा है। बताया जाता है कि लोहिजरा गांव निवासी लक्ष्मी साह, मोतीलाल ठाकुर, चंद्रिका राम, वीरबल महतो तथा नरेश महतो कोरोना काल मे परिवार के भरण पोषण के लिए शनिवार की रात नौ बजे महम्मपुर में दिल्ली जाने वाली बस में सवार हुए थे। सोमवार की सुबह हादसे में मारे गए लक्ष्मी साह, मोतीलाल ठाकुर, चंद्रिका राम का शव लोहिजरा गांव लाया गया। बताया जाता है कि लॉकडाउन लगने के बाद मई में ही दिल्ली से चंद्रिका राम और मोतीलाल ठाकुर अपने गांव लौटे थे और क्वारंटाइन सेंटर रहने के बाद अपने घर गए थे। लेकिन यहां कोई काम नहीं होने के कारण इनके परिवार के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्तपन्न होने लगी। जिस कारण अपने तीन अन्य साथियों के साथ ये बस पकड़ कर दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। दिल्ली में लोग सापुरजी कंपनी में काम करते थे।  लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था। रास्ते मे बस दुर्घटना हो जाने से इनकी मौत हो गई। 

लोहिजरा गांव मेंं एक साथ उठी तीन अर्थी

सिधवलिया प्रखंड के लोहिजरा गांव के लिए सोमवार का दिन काला दिन रहा। इस गांव में एक साथ तीन कामगारों की अर्थी उठी। बस हादसे में मारे गए लक्ष्मी साह, मोतीलाल ठाकुर, चंद्रिका राम का शव सोमवार की सुबह आगरा से लाहिजरा गांव लाया गया। तीनों कामगारों का शव  गांव लाए जाने के बाद चारो तरफ चीत्कार मच गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। हादसे में मारे गए लक्ष्मी साह की पुत्री पूजा के सिर से पहले ही मां का साया उठ गया था अब पिता की मौत ने उसे अंदर तक झकझोर दिया है। भुइला कुंवर अपने पुत्र की मौत के बाद पोती पूजा की परवरिश की चिंता में डूब गई हैं। उधर हादसे मेंं मारे गए मोतीलाल ठाकुर के परिवार पर तो मानो कुदरत ने कहर बरपा दिया है। इनकी चार-चार पुत्रियां अभी शादी होनी है। अपनी बेटियों की शादी कैसे होगी, इसकी ङ्क्षचता मेंं विधवा मां की आंखें पथरा गई हैं। हादसे में मारे गए चंद्रिका राम भी अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ व्यक्ति थे। इनकी मौत से इस परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। तीनो परिवार की स्थिति देख गांव वालों के भी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। तीन कामगारों की मौत पूरे इलाके को झकझोर दिया है।


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