कलाकारों ने बांधा समां, बिखेरी भोजपुरी माटी की खुशबू
थावे महोत्सव के पहले दिन मंगलवार की शाम से देर रात तक कलाकारों ने भोजपुरी माटी की खुशबू बिखेर कर समां बांध दिया। इस दौरान सुगम संगीत गायिका मिरिणालनी अखौरी तथा भोजपुरी गायक अमर आनंद ने कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
गोपालगंज : थावे महोत्सव के पहले दिन मंगलवार की शाम से देर रात तक कलाकारों ने भोजपुरी माटी की खुशबू बिखेर कर समां बांध दिया। इस दौरान सुगम संगीत गायिका मिरिणालनी अखौरी तथा भोजपुरी गायक अमर आनंद ने कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इसके पूर्व असम से पहुंचे कलाकारों ने बिहू नृत्य प्रस्तुत कर लोगों को तालियां बजाने पर विवश कर दिया।
थावे महोत्सव में मगध संगीत संस्थान के कलाकारों के कार्यक्रम व बिहू नृत्य के बाद सुगम संगीत गायिका मिरिणालनी अखौरी ने मंच संभाला। उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत या देवी सर्व भूतेषु बुद्धि रुपेण संस्थितिा.. से किया। इसके बाद उन्होंने हिदी सुगम संगीत की प्रस्तुति दी। उन्होंने जैसे ही चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे.. की प्रस्तुति दी, पंडाल में मौजूद लोग इनकी आवाज के जादू में डुबकी लगाने लगे। इन्होंने किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है.., चिट्ठी आई है, आई है चिट्ठी आई है.., हां-हां हुस्न वालों को खबर क्या.., गीत प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी। मिरिणालनी अखौरी के बाद भोजपुरी गायक अमर आनंद ने मंच संभाला। इनके मंच पर पहुंचते ही श्रोताओं ने जोरदार तालियों से स्वागत किया। अमर आनंद ने जग में जहां पहिले उगे किरिनियां.., गली-गली घूमो नगन लागी.., थावे वाली मंदिर में लागल बा जलसा.., आदि गीत सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। मंच पर पहुंची प्रिया राज ने जय काली जय काली, जय काली मां.., की प्रस्तुति पर थावे महोत्सव में मौजूद लोग भक्ति रस में गोता लगाते रहे। प्रिया राज ने सन-सन बहे पुरवैया.., सुन हो देवरा हमरो बचनिया.. आदि गीतों की प्रस्तुति भी जोरदार रही।