दिन में सदका-खैरात, इबादत पूरी रात
गुनाहों से निजात दिलाने की रात शब-ए-बरात को लोगों ने न सिर्फ अपने गुनाहों से तौबा की बल्कि पूरी रात इबादत में गुजारी।
गोपालगंज : गुनाहों से निजात दिलाने की रात शब-ए-बरात को लोगों ने न सिर्फ अपने गुनाहों से तौबा की, बल्कि पूरी रात इबादत में गुजारी। घरों एवं मस्जिदों में कुरान की तिलावत हुई। साथ ही लोगों ने पूर्वजों की कब्र पर जाकर उनकी बख्शिश के लिए फातिहा पढ़ा। शब ए बरात को लेकर खास तैयारी की गई थी। मस्जिदों एवं बुजुर्गों की दरगाहों को रंग बिरंगे लाइट से सजाया गया था।
शनिवार की सुबह से ही घरों में लजीज पकवान और तरह-तरह के हलवे बनाए जाने लगे। शाम को अर्स की नमाज फातिहा दिलाया गया और उसे गरीबों में तकसीम किया गया। इसके बाद शुरू हुआ इबादत का सिलसिला। शनिवार की रात से रविवार की तड़के तक इबादत का सिलसिला चलता रहा। ऐसा माना जाता है कि अल्लाह इस रात को फरियाद करने वालों के सारे गुनाहों को माफ कर देते हैं। साथ ही नफिल नमाज का सबाब दोगुना कर देते हैं। साथ ही कुरान की तिलावत करने वालों पर अल्लाह की खास रहमत होती है। शहर के प्रमुख मस्जिदों में इबादत व दरगाहों और कब्रिस्तानों पर पूरी रात फातिहा व जियारत का दौर चला। इस मौके पर मस्जिदों, दरगाहों को रोशनी से सजाया गया था। शहर के दरगाह मोहल्ले के अलावा जिले के तमाम दरगाह व कब्रिस्तानों जहां लोगों के पूर्वज दफन हैं, वहां पूरी रात चहल पहल का नजारा दिखा। शब-ए-बरात को देखते हुए कई लोगों ने मस्जिदों में पहुंचकर कुरान की तिलावत की तथा गुनाहों से तौबा किया। कहा जाता है कि इस रात एक घड़ी ऐसी भी आती है जब हर मांगने वाले की कोई न कोई दुआ जरूर कबूल होती है। लिहाजा सभी लोगों ने उस लम्हे को हासिल करने की कोशिश की। तमाम दरगाह, मस्जिद व कब्रिस्तानों में पूरी रात लोगों की चहल-पहल बनी रही। महिलाओं ने घरों में नफिल नमाज पढ़ी और अपने रब से परिवार की खुशहाली के लिए दुआएं मांगी।