अपनी बिजली से रोशन होने का थावे मंदिर परिसर को है इंतजार
थावे दुर्गा मंदिर परिसर को अपनी रोशनी से जगमग करने की योजना फाइलों में धूल फांक रही है।
- मंदिर परिसर में 32 बायो डिजास्टर टॉयलेट बनाने की थी योजना
- टॉयलेट व बेस्ट वॉटर मैनेजमेंट प्लान से होना था बिजली का उत्पादन
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : यह योजना ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का हिस्सा है। इस योजना के तहत थावे दुर्गा मंदिर परिसर में 32 बायो डिजास्टर टॉयलेट बनाना है। इसके साथ ही इन टॉयलेट के माध्यम से बेस्ट वॉटर मैनेजमेंट प्लान के तहत मंदिर परिसर में ही बिजली उत्पादन करने की योजना भी बनाई गई। पिछले साल अगस्त में ही इस योजना पर काम शुरू होना था। लेकिन यह योजना अभी तक फाइलों में ही दबी हुई। इस योजना को धरातल पर उतारने की अब तक पहल नहीं किया गया। थावे दुर्गा मंदिर परिसर खुद की रोशनी से रोशन होने का अब भी इंतजार कर रहा है।
ऐतिहासिक थावे मंदिर में दूर-दराज से श्रद्धालु आते है। इस मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके बाद भी मंदिर परिसर में शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। जिसे देखते हुए पिछले साल जुलाई महीने में प्रशासनिक स्तर पर मंदिर परिसर में 32 बायो डिजास्टर टॉयलेट की योजना बनाई गई। टॉयलेट बनाने के साथ ही मंदिर परिसर में बायो टॉयलेट के माध्यम से बेस्ट वॉटर मैनेजमेंट प्लान के तहत बिजली का उत्पादन कर इसी बिजली से थावे मंदिर परिसर को रोशन करने की योजना भी बनाई गई। 50 लाख रुपये की इस योजना को पिछले साथ अगस्त महीने में ही धरातल उतारना था। लेकिन अब तक इस योजना को धरातल पर उतारने की दिशा में प्रशासन के स्तर पर पहल नहीं हो सकी है। इस संबंध में पूछे जाने पर थावे सीओ गंगेश झा ने बताया कि इस योजना के तहत 32 बॉयो टॉयलेट बनाने के लिए थावे मंदिर परिसर के समीप जमीन का चयन कर लिया गया है। इस योजना को प्रशासनिक स्तर पर स्वीकृति भी मिल गई है। शीघ्र ही इस योजना पर काम शुरू होने की उम्मीद है।