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दूसरे दिन भी बैंकों में लटका रहा ताला, वामदलों ने हाईवे किया जाम

नौ केंद्रीय ट्रेन यूनियनों तथा यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी हड़ताल का असर दिखा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 05:54 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 05:54 PM (IST)
दूसरे दिन भी बैंकों में लटका रहा ताला, वामदलों ने हाईवे किया जाम

गोपालगंज। नौ केंद्रीय ट्रेन यूनियनों तथा यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी हड़ताल का असर दिखा। हड़ताल के कारण बैंकों तथा डाकघरों में ताला लटका रहा। इस बीच विभिन्न संगठनों ने अपनी मांगों के समर्थन में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। इस दौरान वामदलों के कार्यकर्ताओं ने शहर के बंजारी मोड़ के समीप एनएच 28 को जाम कर दिया।

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केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के हड़ताल के समर्थन में बुधवार को सीपीआई, भाकपा माले, सीपीआइएम के कार्यकर्ता शहर की सड़कों पर आए। वामदलों के कार्यकर्ताओं ने शहर में जुलूस निकाल कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। शहर के मौनिया चौक, घोष मोड़, अंबेडकर चौक, पोस्ट ऑफिस चौक होते हुए वामदलों के कार्यकर्ताओं ने बंजारी मोड़ पर एनएच 28 को जाम कर दिया। जिससे एनएच पर वाहनों की कतारें लगी गईं। इस मौके पर अपने संबोधन में वक्ताओं ने श्रमिक कानून में संशोधन बंद करने, न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपया करने, संविदा पर नियुक्त कर्मियों की सेवा पुस्तिका बनाकर उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित करने, बैंक, बीमा, रेल, सरकारी प्रतिष्ठानों का निजीकरण बंद करने की मांग किया। प्रदर्शन करने वालों में गणेश प्रसाद ¨सह, नूरुल हसन, राघव मिश्र, अंगदपाल , रामदयाल राम, बलिराम सहनी, विद्या कुशवाहा, योगेंद्र शर्मा, रीना शर्मा, आजाद शत्रु, जीतेंद्र पासवान, लालबाबू कुशवाहा, मुन्ना प्रसाद, शिवनारायण बारी सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे। बैंकों में हड़ताल से 60 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित

गोपालगंज : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर हड़ताल के कारण लगातार दूसरे दिन बुधवार को जिले के कई बैंकों में ताला लटका रहा। इस हड़ताल से 60 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित रहा। हड़ताल के कारण खाताधारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस बीच बैंक कर्मियों ने बैंक गेट पर अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। बैंक यूनियंस के संयोजक सह ग्रामीण बैंक केंद्रीय संगठन अरेबिया के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुशील कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 11 सूत्री मांगों को लेकर जिले में दो दिवसीय हड़ताल पूरी तरह से सफल रहा। मांगों में बैंक 11वें वेतन समझौता को लागू करना, बैंकों के निजीकरण पर रोक लगाना, काम के दिन का समय निर्धारित करना, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार ग्रामीण बैंक कर्मियों को पेंशन का लाभ देना आदि मांगे शामिल हैं। डाकघरों में भी नहीं हुआ कामकाज

गोपालगंज : दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन डाकघरों में भी कामकाज ठप रहा। इस बीच डाककर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में डाकघरों के सामने प्रदर्शन किया। मांगों में पोस्टमैन और एमटीएस के सभी खाली पदों को भरे जाने, भारी कैश लेकर जाने वाले कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करना, आउट सोर्स एजेंसियों को बंद करने तथा 2011 से खाली पड़े पदों को भरना आदि शामिल हैं। प्रदर्शन करने वालों में शाहनवाज रिजवी, जितेंद्र ¨सह, शशि राज, हरेंद्र बैठा, प्रेमचंद्र प्रसाद, रवींद्र ठाकुर, बृजेश साह, शैलेंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार ¨सह सहित काफी संख्या में कर्मी शामिल रहे। सेविकाओं ने मीरगंज में किया चक्का जाम

मीरगंज : मानदेय बढ़ाने सहित अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में बुधवार को आंगनबाड़ी सेविका तथा सहायिकों ने मीरगंज नगर में थाना के समीप सड़क जाम कर दिया। इस दौरान अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करते हुए सेविकाओं ने जमकर नारेबाजी किया। यह ऐलान किया गया कि जब तक मांगे पूरी नहीं होगी हड़ताल जारी रहेगा। इस मौके पर अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि 15 सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कर्मी हड़ताल पर हैं। सरकार की धमकी से कर्मी डरने वाले नहीं हैं। जब तक मांगे पूरी नहीं होगी हड़ताल जारी रहेगा। इंटक ने घोष मोड़ पर सड़क किया जाम

गोपालगंज : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक ने शहर के घोष मोड़ कर जाम कर प्रदर्शन किया। इस मौके पर अपने संबोधन में इंटक के प्रदेश मंत्री ताहिर हुसैन ने कहा कि सरकार मजदूरों तथा कर्मचारियों का शोषण कर रही है। सरकारी प्रतिष्ठानों को निजीकरण किया जा रहा है। श्रम कानून में मालिकों के पक्ष में सुधार कर मालिकों को नौकरी पर रखने तथा जब मन करे कर्मियों को नौकरी से निकाल देने का अधिकार दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति को श्रमिक बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार को अपनी श्रमिक विरोधी नीति बदलनी पड़ेगी। प्रदर्शन करने वालों में रामनरेश शर्मा, प्रमोद कुमार, धनंजय तिवारी, आलोक पाण्डेय, रवींद्र मांझी, उपेंद्र पाठक, नसरुद्दीन सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे।


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