रबी अभियान में प्राप्त नहीं हो सका बुआई का लक्ष्य
गोपालगंज। वर्तमान वर्ष में रबी अभियान पर मौसम की जबरदस्त मार पड़ी है। आलम यह है कि गेहूं क
गोपालगंज। वर्तमान वर्ष में रबी अभियान पर मौसम की जबरदस्त मार पड़ी है। आलम यह है कि गेहूं की बुआई का सही समय बीतने के बाद भी महज 65 प्रतिशत गेहूं की बुआई का कार्य हो सका है। हद तो यह कि इस साल बरसात के मौसम में औसत से कम बारिश कारण इस साल गेहूं के साथ ही दलहन व तिलहन की भी बुआई का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ। आंकड़ों की मानें तो इस साल सूर्यमुखी की खेती एक कट्ठा भूमि पर भी नहीं हो सकी है। यहीं स्थिति चना की खेती की भी है।
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो वर्तमान वर्ष में खरीफ अभियान के दौरान औसत से काफी कम बारिश हुई। अगस्त व सितम्बर माह में बारिश नहीं होने के कारण धान के उत्पादन पर भी असर पड़ा। हद तो यह कि खेतों में नमी नहीं होने के कारण कई प्रखंडों में किसान खेत की सिंचाई के बाद गेहूं की बुआई करने को विवश हुए। कृषि विभाग की सूत्रों की मानें तो गेहूं की बुआई के लिए 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर की अवधि सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इस अवधि में खेतों में जरुरत से काफी कम नमी के कारण गेहूं की बुआई पर भारी असर पड़ा। कृषि विभाग की आंकड़ों को मानें तो इस अवधि में 97000 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 62140 हेक्टेयर ही गेहूं की बुआई का कार्य हो सका है। इसी प्रकार इस अवधि में जौ की बुआई भी प्रभावित हुई है। आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 400 हेक्टेयर जौ की बुआई के लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 155 हेक्टेयर ही बुआई का कार्य हो सका है। इसी प्रकार मक्के की बुआई के 13500 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध 12,825 हेक्टेयर की ही बुआई का कार्य हो सका है।
बीज वितरण में देरी बना कारण
गोपालगंज : गेहूं की बुआई का लक्ष्य पूर्ण नहीं होने के पीछे मौसम की मार के अलावा बीज वितरण में देरी भी एक बड़ा कारण रहा है। सूत्रों की मानें तो इस साल किसानों को अनुदानित दर पर गेहूं का बीज काफी विलम्ब से उपलब्ध कराया गया। आलम यह रहा कि कई प्रखंडों में किसानों को दिसम्बर माह के प्रथम सप्ताह तक अनुदानित दर पर बीज प्राप्त नहीं हुआ। ऐसे में गेहूं की बुआई में देरी हुई।
महज दस हेक्टेयर में चना की खेती
गोपालगंज : वर्तमान वित्तीय वर्ष में पांच सौ हेक्टेयर में चना की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मौसम की मार का सबसे बुरा असर चना की खेती करने वाले किसानों पर पड़ा है। आंकड़ों की मानें तो 500 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध इस साल मात्र दस हेक्टेयर में ही चना की खेती का कार्य हो सका है।
गेहूं की बुआई का प्रखंडवार लक्ष्य
प्रखंड लक्ष्य
बैकुंठपुर 9120
सिधवलिया 5390
बरौली 9535
मांझा 8290
गोपालगंज 6632
थावे 4560
कुचायकोट 12850
हथुआ 9120
उंचकागांव 5802
फुलवरिया 4975
भोरे 7046
कटेया 4560
पंचदेवरी 3730
विजयीपुर 5390
कुल 97,000
नोट : लक्ष्य का आंकड़ा हेक्टेयर में हैं।