राम विवाह प्रसंग सुनने को उमड़ी लोगों की भीड़
नगर स्थित वैष्णव मठ के प्रांगण मे आयोजित श्री रामचरित मानस नवाह्न परायण महायज्ञ में आयोजित प्रवचन में कुशीनगर से पहुंची अर्चना मिश्रा के संगीत मय प्रवचन सुन श्रोता झूम उठे।
गोपालगंज : नगर स्थित वैष्णव मठ के प्रांगण मे आयोजित श्री रामचरित मानस नवाह्न परायण महायज्ञ में आयोजित प्रवचन में कुशीनगर से पहुंची अर्चना मिश्रा के संगीत मय प्रवचन सुन श्रोता झूम उठे। उन्होंने राम विवाह प्रसंग में फुलवारी के ²श्य को कथा के माध्यम से रसपान करवाया तो श्रोता भाव विभोर हो गए।
कथा का रसपान कराते हुए उन्होंने कहा कि सीता जी मां गौरी पूजन के लिए फुलवारी से फूल तोड़ने के लिए जाती हैं। उसी फुलवारी में भगवान राम का दर्शन उन्हें होता है। सीता की नजर राम पर पड़ती है तो वह मोहित हो जाती हैं। दूसरी तरफ भगवान राम को सीता के नुपुर की आवाज मोहित करती हैं। गौरी की पूजा करते समय सीता जी अपने वर के रूप में राम को मांगती हैं। राजा जनक गुरू विश्वामित्र के साथ राम व लक्ष्मण को धनुष यज्ञ शाला ले गए। जहां देश विदेश के राजा सुंदर सिंहासन पर विराजमान थे। राजा जनक ने अपनी प्रतिज्ञा के बारे में सभी को अवगत कराया कि जो इस धनुष को तोड़ेगा उसके साथ सीता का विवाह होगा। सभी राजा बारी-बारी से धनुष तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन सभी असफल रहे। लंका का राजा रावण भी धनुष तोड़ने का प्रयास करता है लेकिन एक भविष्यवाणी उसे विचलित कर दिया। वीर राजाओं के धनुष न तोड़ पाने के कारण निराश राजा जनक को देखकर गुरू विश्वामित्र का इशारा पाकर राम धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाते हैं तो अन्य राजा आश्चर्य चकित हो जाते हैं। धनुष टूटने के बाद राम व सीता एक दूसरे के गले में जयमाल डाल देते हैं। धनुष टूटते ही फूलों की वर्षा शुरू होती है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मठ के महंत श्री श्री 1008 श्री रघुनाथ दास जी, रुदल दास, दीपू शुक्ल, अजय पाण्डेय, डॉ मुकेश मिश्र, श्याम नारायण प्रसाद, शुकदेव प्रसाद, सुधाकर चौबे सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।