प्रारंभिक विद्यालयों में बदलेगी व्यवस्था, मिलेंगे डेस्क व बेंच
अब प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को बैठने के लिए परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।
गोपालगंज। अब प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को बैठने के लिए परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। शिक्षा विभाग ने प्राथमिक विद्यालयों में संसाधन बढ़ाने की दिशा में पहल शुरू कर दी है। इस पहल के तहत प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के लिए बेंच लगाए जाएंगे। इसके साथ ही मेज की भी व्यवस्था की जाएगी। ताकि अभी बोरा चट्टी पर बैठ कर पढ़ने को विवश हो रहे बच्चों को इस समस्या से मुक्ति मिल सके। शिक्षा विभाग की इस पहल से अब बच्चे बोरा चट्टी की जगह बेंच पर पढ़ाई कर सकेंगे।
शिक्षा को बढ़ावा दे रही सरकार का सरकारी विद्यालयों में संसाधन बढ़ाने की तरफ विशेष ध्यान है। सरकार की इस पहल पर सरकारी विद्यालयों में भवन बनाए गए तथा लैब से लेकर अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई। अभी भी बच्चों की संख्या के अनुरूप वर्ग कक्षा भवन बनाने की दिशा में काम चल रहा है। सरकारी विद्यालयों में संसाधन बढ़ाने जाने के साथ ही इन विद्यालयों में बच्चों की संख्या भी बढ़ती चली गई। लेकिन स्कूलों में संसाधन बढ़ाए जाने के बाद भी प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को बैठ कर पढ़ने के लिए अभी तक व्यवस्था नहीं हो सकी है। प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं होने से बच्चे बोरा चट्टी पर बैठ कर पढ़ने को विवश हो रहे हैं। बेंच की कमी के कारण अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को जमीन पर बैठ कर शिक्षा ग्रहण करने को विवश होना पड़ रहा हैं। किसी स्कूल के बरामदा में बोरा-चट्टी पर बैठ कर बच्चे पढ़ते हैं तो कहीं कमरे में ही जमीन पर बैठाकर इन्हें पढ़ाया जाता है। लेकिन अब प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को बैठ कर पढ़ने के लिए परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। शिक्षा विभाग ने प्राथमिक विद्यालयों में संसाधन बढ़ाने की पहल शुरू कर दी है। इस पहल के तहत प्राथमिक विद्यालयों में बेंच की कमी दूर ही जाएगी। ताकि बच्चों को जमीन पर बोरा चट्टी बिछा कर पढ़ने को मजबूर न होना पड़े। शिक्षा विभाग की इस पहल से अब प्राथमिक स्कूलों के बच्चे बेंच पर बैठ कर पढ़ सकेंगे। जिले में हैं 1662 प्राथमिक विद्यालय
गोपालगंज : शिक्षा विभाग के आंकड़ों की मानें तो पूरे जिले में वर्तमान समय में कुल 1662 प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। इन स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना के तहत लाभान्वित किया जाता है। इसके अलावा भी बच्चों को प्रति वर्ष पोशाक योजना की राशि उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को छात्रवृति की भी राशि मिलती है। बावजूद इसके छात्रों के बैठने के लिए बेंच आदि की व्यवस्था आजतक नहीं की जा सकी है। क्या कहते हैं अभिभावक
गोपालगंज : स्कूलों में बोरा-चट्टी पर बच्चों के शिक्षा ग्रहण करने के संबंध में अभिभावक भी ¨चतित नजर आते हैं। डुमरिया गांव के अजय तिवारी कहते हैं कि बच्चों को आधुनिक तकनीक के तहत शिक्षा की बात चल रही है। ऐसे में आज के दौर में भी बच्चों को जमीन पर बोरा-चट्टी पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को विवश होना पड़ता है। यह हमारी व्यवस्था के लिए सही नहीं है। जादोपुर के महेश प्रसाद कहते हैं कि आधुनिक जमाने में जब शिक्षा की व्यवस्था में बदलाव के लिए सरकार प्रति वर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, भवन बनाए जा रहे हैं। शौचालय से लेकर तमाम सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है, तो बच्चों के लिए बेंच क्यों नहीं?
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प्राथमिक विद्यालयों में संसाधन उपलब्ध कराने की योजना पर काम चल रहा है। भवन बनाए जा रहे हैं। इन विद्यालयों में बच्चों के बैठने के लिए बेंच उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम चल रहा है।
पूनम चौधरी, प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी