बिहार बोर्ड घोटाला: सत्संग की आड़ में मूल्यांकन केंद्र से गायब कर दी गईं 42 हजार कॉपियां!
बिहार बोर्ड में नया घोटाला हो गया है। इस बार मामला मूल्यांकन केंद्र से मैट्रिक की 42 हजार कॉपियां गायब करने का है। यह कैसे हुआ, इसका पुलिस ने अनुमान लगाया है। जानिए इस खबर में।
गोपालगंज [जेएनएन]। बीते कई सालों से रिजल्ट घोटाला के कारण विवादित रहा बिहार बोर्ड फिर मैट्रिक परीक्षा की 42 हजार कॉपियां गायब हो जाने के कारण विवादों में फंस गया है। इस कारण 20 जून को जारी होने वाला रिजल्ट भी 26 जून तक के लिए टाल दिया गया है। इस बीच घटना का पुलिस अनुसंधान जारी है। आशंका है कि मूल्यांकन केंद्र पर बीते दिनों संपन्न सत्संग की आड़ में कॉपियां गायब कराई गईं होगी।
विदित हो कि मैट्रिक परीक्षा के बाद नवादा से मूल्यांकन के लिए आईं 42 हजार कॉपियां गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस टू विद्यालय मूल्यांकन केंद्र से गायब हो गईं हैं। घटना को लेकर प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने नाइट गार्ड व आदेशपाल के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। लेकिल, जांच की आंच प्राचार्य तक भी पहुंची। बिहार बोर्ड में पूछताछ के लिए बुलाए गए प्राचार्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस बीच नाइट गार्ड व आदेशपाल की भी गिरफ्तारी हो गई।
मंगलवार की देर रात गोपालगंज पुलिस प्राचार्य को अपनी कस्टडी में लेकर पहुंची। पुलिस ने बुधवार को उनसे घंटों पूछताछ की। गिरफ्तार नाइट गार्ड तथा आदेशपाल से भी पूछताछ की गई। देर शाम दोनों को जेल भेज दिया गया।
पूछताछ के बावजूद गायब कॉपियों के बारे में पुलिस को ठोस सुराग नहीं मिल सका है। गिरफ्तार आदेशपाल व नाइट गार्उ ने कमरे की चाबी प्राचार्य के पास होने की बात कही है। उधर, प्राचार्य ने खुद को निर्दोष बताया है। पुलिस ने एसएस बालिका प्लस टू विद्यालय से सटे कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के कर्मियों से भी पूछताछ की है।
सत्संग की आड़ में तो गायब नहीं कराई गईं कॉपियां
ऐसे में सवाल यह है कि आखिर कॉपियां कैसे गायब की गईं। बताया जाता है कि एसएस बालिका उच्च विद्यालय परिसर में 12 से 16 जून तक सत्संग कार्यक्रम चला था। इस दौरान विद्यालय के सभी कमरे सत्संग में आए हुए लोगों को दिए गए थे। वाहनों का प्रतिदिन आना-जाना लगा रहता था। पुलिस को संदेह है कि सत्संग की आड़ में कॉपियां वाहनों में लादकर गायब की जा सकती हैं। पुलिस इस बिंदु पर भी पड़ताल कर रही है।