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पंचायतों में प्रभार का खेल और मौज में पंचायत सचिव

प्रशासनिक स्तर पर दो पंचायतों का काम देखने वाले पंचायत सचिवों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए नई व्यवस्था बनाने का निर्देश जारी किया गया था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 06:11 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:27 AM (IST)
पंचायतों में प्रभार का खेल और मौज में पंचायत सचिव
पंचायतों में प्रभार का खेल और मौज में पंचायत सचिव

गोपालगंज। प्रशासनिक स्तर पर दो पंचायतों का काम देखने वाले पंचायत सचिवों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए नई व्यवस्था बनाने का निर्देश जारी किया गया था। इसके तहत तीसरे पंचायत का प्रभार देखने वाले पंचायत सचिवों से एक पंचायत का प्रभार तत्काल वापस लेने का निर्देश भी शामिल था। लेकिन करीब एक साल की लंबी अवधि बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। पंचायतों में एक से अधिक पंचायत के प्रभार के नाम पर मौज का खेल जारी है। प्रशासनिक स्तर पर जारी किए गए निर्देश के बावजूद प्रखंड विकास पदाधिकारियों ने नई व्यवस्था को आजतक लागू ही नहीं किया। जबकि जिला स्तर पर नई व्यवस्था को लागू करने के साथ ही किस दिन पंचायत सचिव किस पंचायत में रहेंगे, इसकी भी सूची सूचना पट्ट पर लगाने का निर्देश संबंधित बीडीओ को जारी किया गया था।

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जिला पंचायत कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि विभाग ने वर्ष 2013 में पंचायत सचिवों की कमी को देखते हुए एक पंचायत सचिव को दो-दो पंचायत का कार्यभार सौंपने का निर्देश जारी किया था। साथ ही विभाग ने दो पंचायतों का कार्यभार देने के समय इस शर्त का अनुपालन करने का निर्देश दिया था कि आवंटित पंचायतें अगल-अगल की हों। तब विभाग के निर्देशों के आलोक में एक पंचायत सचिव को दो-दो पंचायतों का कार्य सौंप दिया गया। समय के साथ कुछ पंचायत सचिवों को तीन-तीन पंचायतों का कार्य भी दे दिया गया। इसके साथ ही संबंधित प्रखंड के बीडीओ द्वारा दो-दो पंचायतों का प्रभार सौंपे में मनमानी की गई। एक पंचायत सचिव को दो पंचायतों का प्रभार सौंपे जाने के समय दोनों पंचायतों के बीच की दूरी का ख्याल नहीं रखा गया। जब यह मामला पंचायती राज विभाग के सामने आया तो संबंधित बीडीओ को इस संबंध में निर्देश जारी किया गया। साथ ही संबंधित प्रखंड के बीडीओ को आदेश का शत प्रतिशत अनुपालन करने को भी कहा गया। लेकिन स्थित आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। जिससे ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। अपने काम के लिए पंचायत भवन आने पर बताया जाता है कि पंचायत सचिव दूसरे पंचायत में गए हैं। पंचायत सचिव किस दिन किस पंचायत में रहेंगे इसको लेकर सूचना पट्ट भी अब तक नहीं लगाया गया है। क्या दिए गए थे प्रशासनिक निर्देश

नई व्यवस्था के तहत दो पंचायतों की जिम्मेदारी उठाने वाले पंचायत सचिवों के पंचायतों में मौजूदगी के लिए तिथि निर्धारित रहेगी। यह तिथि बीडीओ स्तर पर निर्धारित की जाएगी। अगर जांच के समय कोई पंचायत सचिव निर्धारित पंचायत में नहीं मिलते हैं तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पंचायतों की दूरी का फायदा उठाते हैं पंचायत सचिव

पंचायती राज विभाग के सूत्रों ने बताया कि पंचायतों के आवंटन के दौरान एक पंचायत सचिव को अलग-बगल के पंचायतों की जिम्मेदारी की बात का ख्याल नहीं रखने के कारण पंचायत सचिव दो पंचायतों के बीच की दूरी अधिक होने का फायदा उठाते हैं। अगर कोई जांच पदाधिकारी एक पंचायत में पहुंचता है तो पंचायत सचिव खुद को दूसरे पंचायत में होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। जिसे देखते हुए नई व्यवस्था को लागू करने का निर्देश दिया गया। साथ ही बीडीओ को दोनों पंचायतों के आवंटन में अगल बगल का पंचायत एक पंचायत सचिव को देने का निर्देश दिया गया।


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