अब अमरूद की होगी व्यवसायिक खेती, मिलेगा अनुदान
घर के आंगन की अमरूद की मिठास अब किसानों के खेतों में भी घुलेगी। अब उद्यान विभाग ने जिले में अमरूद के व्यवसायिक खेती की पहल की है।
गोपालगंज : घर के आंगन की अमरूद की मिठास अब किसानों के खेतों में भी घुलेगी। अब उद्यान विभाग ने जिले में अमरूद के व्यवसायिक खेती की पहल की है। इसके साथ ही केला तथा पपीता की खेती को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा। इन फलों की खेती करने वाले किसानों को अनुदान भी मिलेगा। अमरूद,पपीता तथा केला के लिए अलग अलग अनुदान की राशि निर्धारित किया गया है। इन फलों की खेती करने वाले किसानों को अनुदान देने के साथ ही उन्हें उन्नत तरीके से फलों की खेती करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
एक समय था कि जब हर घर के आंगन में अमरूद के पेड़ होते थे। गांव के बगीचे में भी आम के बाद अमरूद के ही पेड़ नजर आते थे। लेकिन समय के साथ अमरूद बगीचों से गायब होती चली गई। घर घर के सामने दिखने वाले अमरूद के पेड़ अब कुछ ही घरों के सामने नजर आते हैं। लेकिन अब अमरूद की मिठास फिर से खेतों में घुलेगी। कृषि विभाग ने थावे प्रखंड सहित जिले के सभी प्रखंडों में अमरूद की व्यवसायिक खेती करने की पहल की है। अमरूद की खेती के लिए जिले के साथ ही सभी प्रखंडों के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिला कृषि पदाधिकारी सुरेश प्रसाद बताते हैं कि जिले में पहले चरण में 50 हेक्टेयर में अमरूद की व्यवसायी खेती करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए सभी प्रखंडों के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रति हेक्टेयर में अमरूद के 1111 पौधे लगाए जाएंगे। प्रति पौधे की कीमत 30 रुपये होती है। किसानों को अनुदान पर पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। अमरूद की खेती करने वाले किसानों को पहले साल 90 प्रतिशत पौधे बचने पर अनुदान दिया जाएगा। दूसरे साल भी 90 प्रतिशत पौधे पर अनुदान दिया जाएगा। अनुदान की राशि किसानों के खाता में भेजी जाएगी। इसके साथ ही किसानों को उन्नत तरीके से अमरूद की खेती करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमरूद की खेती करने के लिए किसानों को चयनित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। चयनित किसानों को ही अनुदान का लाभ दिया जाएगा। इनसेट
केला, पपीता पर भी मिलेगा अनुदान
गोपालगंज : अमरूद के साथ ही केला तथा पपीता की खेती करने वाले किसानों का अनुदान दिया जाएगा। जिला कृषि पदाधिकारी सुरेश प्रसाद ने बताया कि चयनित किसानों को पपीता के पौधे निश्शुल्क दिए जाएंगे। इसके साथ ही पपीता की खेती करने वाले किसानों को दो साल तक अनुदान भी दिया जाएगा। इसी तरफ केला की खेती करने वाले किसानों को भी अनुदान दिया जाएगा। केला की खेती के लिए किसानों को दो साल तक उनके खाता के माध्यम से अनुदान की राशि दी जाएगी।