खुद की मुक्ति के लिए छटपटा रहा शहर का मुक्ति धाम
यहां बना मुक्ति धाम अब खुद स्मैकियरों से अपनी मुक्ति के लिए छटपटा रहा है। लाखों रुपये की लागत से बना यह मुक्ति धाम स्मैकियरों का ठिकाना बन गया है। शाम तो शाम यहां दिन में ही नशेड़ी स्मैक का कश लगा रहे हैं। यहां का गेट और यहां लगे सोलर लाइट की बैट्री गायब है।
गोपालगंज : यहां बना मुक्ति धाम अब खुद स्मैकियरों से अपनी मुक्ति के लिए छटपटा रहा है। लाखों रुपये की लागत से बना यह मुक्ति धाम स्मैकियरों का ठिकाना बन गया है। शाम तो शाम यहां दिन में ही नशेड़ी स्मैक का कश लगा रहे हैं। यहां का गेट और यहां लगे सोलर लाइट की बैट्री गायब है। झाड़ियों से ढक गया मुक्ति धाम का वे¨टग रूम भी नशेड़ियों का धाम बन गया है।
शहर के कमला राय कालेज रोड़ स्थिति पोस्टमार्टम हाउस के पास करीब छह साल पहले मुक्ति धाम बनाया गया। 42 लाख की राशि से बने इस मुक्ति धाम का सूबे के तत्कालीन मंत्री अश्वनी चौबे ने उद्घाटन किया था। लेकिन उद्घाटन के बाद से ही मुक्ति धाम पर प्रशासनिक उपेक्षा की मार पड़ गई। निर्माण के बाद से ही इसकी उपेक्षा करने का नतीजा यह रहा कि आज तक यहां एक भी शव का दाह संस्कार नहीं हो सका। अब तो झाड़ियों के बीच यह मुक्ति धाम स्मैकियरों का सुरक्षित ठिकाना बन गया है। दिन में ही स्मैक का कश लगाने के लिए स्मैकियरों का जमघट यहां लगने लगा है। यहां लगे गेट और सोलर लाइट की बैट्री भी नशेड़ियों की भेंट चढ़ गयी। नशेड़ियों के जमघट से इस इलाके के लोग भी परेशान हो चले हैं। फिर भी स्मैकियरों का धाम बन चुके इस मुक्ति धाम को उनसे मुक्त कराने के प्रति पुलिस उदासीन बनी हुई है।