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मंदिर परिसर में फूल वालों के भरोसे श्रद्धालुओं के सामान की सुरक्षा

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By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 11:22 PM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 06:28 AM (IST)
मंदिर परिसर में फूल वालों के भरोसे श्रद्धालुओं के सामान की सुरक्षा
मंदिर परिसर में फूल वालों के भरोसे श्रद्धालुओं के सामान की सुरक्षा

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : शारदीय नवरात्र को लेकर ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर तथा लछवार मंदिर में लोगों की भारी भीड़ जमा होती है। लेकिन यहां आने वाले श्रद्धालुओं के सामान की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। स्थिति यह है कि छोटे-बड़े सामान की सुरक्षा से लेकर जूता-चप्पल रखने तक का कार्य मंदिर के आसपास मौजूद फूल व प्रसाद वाले दुकानों के जिम्मे है। मंदिरों में भीड़ होने के कारण इन दुकानों से यदा-कदा सामान भी गायब होते हैं। लेकिन प्रशासनिक व मंदिर पूजा समिति की ओर से श्रद्धालुओं के सामान की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण लोग मजबूरी में अपना कीमती सामान फल-फूल वालों के हवाले करने को विवश होते हैं।

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जिले में शारदीय नवरात्र को लेकर वैसे तो हरेक मंदिर में भीड़ जमा होती है। लेकिन ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर तथा लछवार धाम में भक्तों की भीड़ अधिक जुटती है। मंदिर पूजा समिति की ओर से भीड़ के नियंत्रण से लेकर उनके सामान की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध नहीं दिखता। दोनों मंदिरों में असली समस्या जूता-चप्पल रखने से लेकर यहां पहुंचने वाले भक्तों के सामान को लेकर है। इन दोनों मंदिर या उसके परिसर में सामानों को रखने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है। भक्ति में डूबे लोग यहां आने के बाद सामान रखने के लिए बेबस दिखते हैं। झुंड में आने वाले भक्त तो सामान की सुरक्षा के लिए मंदिर जाने के पूर्व दो भाग में बंट जाते हैं। एक भाग सामान की रखवाली करता है तो दूसरा भाग मंदिर में पूजा अर्चना। लेकिन एक या दो लोग एक साथ जाने की स्थिति में फूल दुकानदारों पर आश्रित हो जाते हैं।

इनसेट

क्या है स्थिति

* कहीं भी नहीं है सामान रखने की कोई व्यवस्था।

* जूता-चप्पल लेकर भटकते हैं श्रद्धालु।

* खुद करनी होती है सामानों की सुरक्षा ।

* मंदिर प्रबंधन को नहीं है आम लोगों की समस्या से मतलब।

* मंदिर परिसर में पॉकेटमार भी रहते हैं सक्रिय।

इनसेट

कैसे करें सामान की सुरक्षा

* मंदिर में प्रवेश के पूर्व सामान करें सुरक्षित।

* खुद देना होगा सामान सुरक्षा पर ध्यान।

* मंदिर में जेवरात पहनकर जाना खतरे से खाली नहीं।

* चारपहिया से पूजा को गए हैं तो डिक्की में रखें सामान।

* वाहनों की सुरक्षा पर भी रहें सतर्क।


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