प्लास्टर करने की नहीं थी सुविधा, करना पड़ा था रेफर
प्लास्टर करने की नहीं थी सुविधा, करना पड़ा था रेफर
बरौली(गोपालगंज) : मैं बरौली प्रखंड के हसनपुर मठिया गांव का निवासी हूं। मैंने दरभंगा मेडिकल कॉलेज से साल 2013 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरी पहली पो¨स्टग गोपालगंज जिले में हुई। योगदान करने के बाद मुझे बरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। बरौली प्रखंड मेरा गृह प्रखंड है। इसलिए बरौली पीएचसी में पहली पो¨स्टग होने से मैं काफी खुश था। पहले दिन ओपीडी में मेरे पास पहला मरीज के रूप में मुकुल कुमार नाम के व्यक्ति आए। इनके पैर की हड्डी टूटी हुई थी। इसके साथ ही उन्हें तेज बुखार भी था। मैंने इस मरीज का प्राथमिक उपचार करने के बाद इनकी हालत देख इन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया। बरौली पीएचसी में तब प्लास्टर करने की सुविधा नहीं थी। सदर अस्पताल में प्लास्टर कराने के बाद यह मरीज मेरे पास इलाज के लिए आते रहे। मुझे खुशी है कि मेरा पहला मरीज पूरी तरह से ठीक हो गए। पिछले पांच साल से मैं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरौली में चिकित्सक के रुप में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। मुझे मेरा पहला मरीज आज भी याद है।
डॉ. मधुकर श्रीवास्तव, चिकित्सक पीएचसी बरौली