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स्वास्थ्य महकमा ने कतरे इस मॉडल अस्पताल के पर

यह अस्पताल अपनी बेहतर व्यवस्था के लिए जाना जाता है। बेहतर व्यवस्था के लिए सरकार इस सरकारी अस्पताल को पुरस्कृत भी कर चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 05:32 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 05:32 PM (IST)
स्वास्थ्य महकमा ने कतरे इस मॉडल अस्पताल के पर
स्वास्थ्य महकमा ने कतरे इस मॉडल अस्पताल के पर

गोपालगंज। यह अस्पताल अपनी बेहतर व्यवस्था के लिए जाना जाता है। बेहतर व्यवस्था के लिए सरकार इस सरकारी अस्पताल को पुरस्कृत भी कर चुकी है। लेकिन अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दशा बिगड़ गई है। स्वास्थ महकमा ने ही इस अस्पताल का पर कतर दिया है। यहां तैनात सभी चिकित्सकों का दूसरी जगत प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। अब यह अस्पताल प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के भरोसे चल रहा है। चिकित्सकों के नहीं रहने से इस अस्पताल इलाज कराने आने वाले मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। मरीजों की परेशानी को देखते हुए इस इलाके के जनप्रतिनिधि कई बार जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ विभाग के पदाधिकारियों से यहां चिकित्सकों को तैनात करने की मांग कर चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी इस अस्पताल में आने वाले मरीजों को हो रही परेशानी की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सूबे में मॉडल सरकारी अस्पताल में से एक है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एक साल पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उचकागांव को राज्य का सबसे स्वच्छ अस्पताल घोषित किया था। पुरस्कार के रूप में इस अस्पताल को 15 लाख रुपये दिए गए थे। जिसके इस अस्पताल में और बेहतर व्यवस्था होने की उम्मीद बंधी थी। लेकिन यहां की व्यवस्था और बेहतर होने की जगह बदहाल हो गई। इस अस्पताल में एक साल पूर्व तक ओपीडी और इमरजेंसी सेवा देखने के लिए चार चिकित्सक तैनात किए गए थे। लेकिन अब इस अस्पताल में चिकित्सक के नाम पर मात्र प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रह गए हैं। इस अस्पताल में तैनात डॉ. अर¨वद कुमार ने अपना स्थानांतरण सिवान जिले में करवा लिया। दो माह पूर्व दूसरे चिकित्सक डॉ. संजय कुमार ने कुछ विवाद को लेकर त्याग पत्र दे दिया। चिकित्सक डॉक्टर खाबर इमाम को भोरे रेफरल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। वहीं चौथे चिकित्सक डॉ. हरेंद्र प्रसाद ¨सह का स्थानांतरण सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कर दिया गया। अब इस अस्पताल में चिकित्सक के नाम पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.रूपलाल ही रह गए हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि इस अस्पताल की समस्या को लेकर विभाग को पत्र लिखा गया है।


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