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बहनों ने भाई की कलाई पर बांधी प्यार की डोर

गोपालगंज। भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार शनिवार को पूरे जिले में ह

By Edited By: Published: Sat, 29 Aug 2015 05:59 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2015 05:59 PM (IST)
बहनों ने भाई की कलाई पर बांधी प्यार की डोर

गोपालगंज। भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार शनिवार को पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उनके दीर्घ जीवन और सुखद भविष्य की कामना की।

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शनिवार की सुबह से ही रक्षाबंधन त्योहार को लेकर घर-घर में उल्लास का माहौल रहा। सुबह से भी बहनें स्नान ध्यान कर राखी बांधने व भाइयों का मुंह मीठा कराने की तैयारियों में जुटी दिखी। भद्रा के कारण दोपहर बाद राखी बांधने का कार्य शुरु हुआ। भाई भी दूर दराज ससुराल में रहने वाली अपनी बहनों को राखी बांधने के लिए सुबह से ही घर से निकल पड़े। शहर से लेकर देहात तक की सड़कों पर चहल-पहल काफी बढ़ गयी। इस दौरान शहर और कस्बाई इलाके में रक्षा बंधन के मधुर गीत बजते रहे। बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है.., भइया मेरे राखी के बंधन को न भुलाना., से लेकर ये राखी बंधन है ऐसा., जैसे गीत ने माहौल में उत्साह भर दिया। वास्तव में रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहनों के पवित्र प्रेम की गांठ को मजबूत करता है। कहते हैं एक बार श्री कृष्ण की अंगुली अपने ही सुदर्शन से जरा सी कट गई थी। तब द्रौपदी ने इसे देखा और अपनी आंचल को फाड़कर भगवान श्रीकृष्ण की अंगूली से बांध दिया। इस स्नेह बंधन का मोल श्रीकृष्ण ने द्रौपदी चीर हरण के दौरान चुकाया। इतिहास में ऐसे कई दृष्टांत मौजूद हैं। दुनिया भर की भाई-बहनों ने आज भी इस कड़ी को जीवंत रखा है। बहनें तो इस दिवस को कतई नहीं भूल सकतीं। बहनों-भाइयों के लिए रक्षा बंधन का त्योहार हमेशा खास रहा है।


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