चाक ने फिर पकड़ी रफ्तार
गोपालगंज। दीपावली और महापर्व छठ के आगमन के साथ ही सुस्त पड़ गए चाक ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ी है।
गोपालगंज। दीपावली और महापर्व छठ के आगमन के साथ ही सुस्त पड़ गए चाक ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। कुम्हार दीपों के त्योहार दीपावली की तैयारियों में जुट गये हैं और शहर के चौक चौराहों पर इसे बेचने के लिए दुकानें भी सजने लगी हैं। मांग बढ़ने से ग्रामीण इलाकों से लेकर जिला मुख्यालय तक कुम्हार चाक के सहारे दीप, कलश तथा पूजा के दौरान उपयोग में आने वाले मिट्टी के बर्तन को तैयार कर रहे हैं।
शहर के भी विभिन्न इलाकों में शुक्रवार को कुम्हार चाक पर काम करते देखे गये। कई कुम्हारों ने पूछे जाने पर बताया कि दुर्गापूजा के बाद से उनके कार्य में तेजी आ जाती है। वर्तमान समय में मिट्टी के बने बर्तनों की मांग बाजार में बढ़ने के कारण वे लोग लगातार काम कर रहे हैं। कुम्हारों का कहना है कि मिट्टी के बर्तनों की मांग पर्व, त्योहारों में अचानक बढ़ जाती है। खासकर दीपावली से लेकर छठ तक मिट्टी के बर्तनों की मांग काफी रहती है। ऐसे में दिन रात एक कर मिट्टी के बर्तन को बनाने का कार्य किया जा रहा है।
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महंगे हुए मिट्टी के बर्तन
गोपालगंज : दीपों के त्योहार व सूर्योपासना के महापर्व छठ को देखते हुए मिट्टी के बने बर्तनों की कीमत भी बढ़ गयी है। कच्चे व पक्के दिये की कीमत मिट्टी के बर्तन की दुकान पर आसमान छू रही है। इसी प्रकार कलश, परनी, कड़ाही आदि की कीमतें भी इस बार गत वर्ष की अपेक्षा अधिक है। मिट्टी के बर्तन को खरीदने पहुंचने वाले लोगों ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा हरेक सामान की कीमत अधिक है।