आकाशीय बिजली से बचाव को बरतें सावधानी, खुद को रखें सुरक्षित
बारिश या मानसून में बिजली कड़कना या गिरना आम बात है। इससे बचने के लिए स्वयं की सावधानी बहुत जरुरी है। यद्यपि आपदा विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रचार-प्रसार कराया जाता है।
गोपालगंज । बारिश या मानसून में बिजली कड़कना या गिरना आम बात है। इससे बचने के लिए स्वयं की सावधानी बहुत जरुरी है। यद्यपि, आपदा विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रचार-प्रसार कराया जाता है। सामान्यता बारिश के दौरान लोगों द्वारा पेड़ के नीचे छिपने, बिजली और मोबाइल के टॉवर के नजदीक होने एवं, पानी के करीब होने के कारण वे आकाशीय बिजली के चपेट में आ जाते हैं। गुरूवार को गोपालगंज में आकाशीय बिजली के चपेट में आने से 13 लोगों की मौत के बाद जिलाधिकारी अरशद अजीज ने ने अपील जारी कर खुद इससे बचाव करने की अपील करते हुए कहा कि लोग बारिश के समय व आसमान में आकाशीय बिजली के कड़कने के समय घरों के अंदर ही रहें। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वे घर से बाहर नहीं निकलनें। ज्यादा जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें। बाहर निकलते समय पूरी सावधानी बरतनी जरूरी है। फिलहाल लोगों को चाहिए कि जब भी बादल गरजना शुरू हों, सुरक्षित स्थानों से बाहर न निकलें और अगर कहीं फंस भी जाएं, तो लोगों को चाहिए कि बड़े पेड़ों की बजाय मकानों के नीचे खड़े हो जाएं, क्योंकि बिजली अधिकतर ऊंचे स्थानों या लंबे-ऊंचे पेड़ों पर ही गिरती है।
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आपदा प्रबंधन विभाग ने किया है मुआवजे का प्रावधान
गोपालगंज : आपदा प्रबंधन विभाग ने वज्रपात के दौरान मौत होने या घायल होने पर मुआवजा देने का प्रावधान किया है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वज्रपात से किसी व्यक्ति की मौत पर उनके आश्रित को 4 लाख का मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। इसी प्रकार घायल होने पर प्रति व्यक्ति 4300 से अधिकतम 2 लाख रुपये तक देने का प्रावधान है। कच्चा या पक्का घर के पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होने पर प्रति मकान 95,100 रुपये, झोपड़ियों की क्षति पर प्रति झोपड़ी 2100 रुपये, दुधारू गाय, भैंस की मौत पर प्रति पशु 30000 रुपये, बैल, भैंसा जैसे पशु की मौत पर प्रति पशु 25000 रुपये तथा भेड़ व बकरी सहित अन्य की मौत पर प्रति पशु 3000 रुपये देने का नियम निर्धारित है।
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वज्रपात से बचने के उपाय
- बिजली गिरने के दौरान मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित है।
- घरों में तड़ित चालक लगवाएं।
- बिजली से चलने वाले उपकरण बंद कर दें।
- यदि किसी वाहन पर सवार हैं तो तुरंत सुरक्षित जगह चले जाएं।
- टेलीफोन, बिजली के पोल के अलावा टेलीफोन और टीवी टावर से दूर रहें।
- किसी इकलौते पेड़ के नीचे नहीं जाएं।
- यदि जंगल में हैं, तो बौने (कम ऊंची पेड़) और घने पेड़ों के नीचे जाएं।
- गीले खेतों में हल चलाने या रोपनी करने वाले किसान और मजदूर सूखे स्थानों पर जाएं।
- नंगे पैर फर्श या जमीन पर कभी खड़े ना रहें।
- बादल गर्जन के दौरान मोबाइल और छतरी का प्रयोग न करें।
- घरों के दरवाजे व खिड़कियों पर पर्दे का इस्तेमाल करें।