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धनेश्वरनाथ सहित सभी शिवमंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक

सोमवार से शुरू हो रहे श्रावण माह में इस बार पांच सोमवार पड़ेंगे। जो अत्यंत फलदायी होंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 04:52 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 04:52 PM (IST)
धनेश्वरनाथ सहित सभी शिवमंदिरों 
में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक
धनेश्वरनाथ सहित सभी शिवमंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक

गोपालगंज। सोमवार से शुरू हो रहे श्रावण माह में इस बार पांच सोमवार पड़ेंगे। जो अत्यंत फलदायी होंगे। हालांकि कोरोना महामारी के कारण इस बार शिवमंदिरों में जलाभिषेक नहीं कर पाएंगे। प्रशासन ने कोरोना महामारी को देखते हुए ऐतिहासिक धनेश्वरनाथ मंदिर सहित सभी शिवमंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दिया है। ऐतिहासिक थावे मंदिर का कपाट भी इस दौरान बंद रहेगा। शिवमंदिरों में प्रवेश पर रोक से इस बार लोग घर पर ही पार्थिव शिवलिग पर जलाभिषेक कर मनवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। गोपालगंज के निवासी तथा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के पंडित ओम तिवारी ने बताया कि छह जुलाई दिन सोमवार से श्रावण मास प्रारम्भ हो कर तीन अगस्त दिन सोमवार को समाप्त होगा। छह जुलाई को पुनर्वसु नक्षत्र का प्रवेश जल राशि के लग्न में हो रहा हैं। सनातन धर्म ग्रंथ शिव पुराण में सबसे अधिक महत्व पार्थिव शिवलिग व उसके पूजन को दिया गया है।

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शिव पुराण के अनुसार पार्थिव शिव लिग सभी लिगो में सर्वश्रेष्ठ है। इसके पूजन से सभी मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं। अनेक देवता, दैत्य, मनुष्य गंधर्व, सर्प व राक्षस शिव लिग की उपासना से अनेक सिद्धियां प्राप्त कर चुके हैं। जिस प्रकार सतयुग में रत्न का, त्रेता में स्वर्ण का व द्वापर में पारे का महत्व हैं, उसी प्रकार कलयुग में पार्थिव लिग अति महत्वपूर्ण है। पार्थिव शिव लिग का पूजन धन, वैभव, आयु व लक्ष्मी देने वाला तथा सम्पूर्ण कार्यो को पूर्ण करने वाला है। जो व्यक्ति श्रावण मास में भगवान शिव का पार्थिव लिग बनाकर प्रति दिन पूजा करता है, वह व्यक्ति शिव पद व शिव लोक को प्राप्त करता है। पार्थिव शिवलिग का निर्माण श्वेत, लाल, पीली व काली रंग की मिट्टी से किया जाता है। शिवमंदिरों में न जाकर अपने घर में व किसी पवित्र स्थान पर पार्थिव शिव लिग का निर्माण कर पूजन करें। इससे मनोवांछित फल प्राप्त होता है।


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