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गोपालगंज सदर अस्पताल में सांस लेने की तकलीफ से थम गई 19 मरीजों की सांसें

कोरोना की दूसरी लहर के बीच लोगों में सांस लेने में दिक्कत की समस्या बढ़ती जा रही है। सोमवार की देर शाम से लेकर मंगलवार की दोपहर तक सांस लेने में हो रही दिक्कत से संबंधित चार दर्जन से अधिक मरीज सदर अस्पताल पहुंचे। इन मरीजों को सदर अस्पताल में भर्ती कर ऑक्सीजन चढ़ाकर इलाज शुरू किया गया। लेकिन ऑक्सीजन चढ़ाने के बाद भी एक-एक कर 24 घंटे के अंदर 19 मरीजों की सांसे थम गईं। इन 19 मरीजों की मौत से अब तक सांस लेने में दिक्कत के कारण मरने वाले मरीजों की संख्या 85 तक पहुंच गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 08:46 PM (IST)
गोपालगंज सदर अस्पताल में सांस लेने की तकलीफ से थम गई 19 मरीजों की सांसें
गोपालगंज सदर अस्पताल में सांस लेने की तकलीफ से थम गई 19 मरीजों की सांसें

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : कोरोना की दूसरी लहर के बीच लोगों में सांस लेने में दिक्कत की समस्या बढ़ती जा रही है। सोमवार की देर शाम से लेकर मंगलवार की दोपहर तक सांस लेने में हो रही दिक्कत से संबंधित चार दर्जन से अधिक मरीज सदर अस्पताल पहुंचे। इन मरीजों को सदर अस्पताल में भर्ती कर ऑक्सीजन चढ़ाकर इलाज शुरू किया गया। लेकिन ऑक्सीजन चढ़ाने के बाद भी एक-एक कर 24 घंटे के अंदर 19 मरीजों की सांसे थम गईं। इन 19 मरीजों की मौत से अब तक सांस लेने में दिक्कत के कारण मरने वाले मरीजों की संख्या 85 तक पहुंच गई है।

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बताया जाता है कि सोमवार की देर शाम से लेकर मंगलवार की दोपहर तक सांस लेने में दिक्कत व दम घुटने की समस्या से पीड़ित चार दर्जन से अधिक लोग सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। जिन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर ऑक्सीजन चढ़ाया गया। भर्ती मरीजों का कोरोना जांच में इन सबकी रिपोर्ट निगेटिव मिली। लेकिन ऑक्सीजन चढ़ाए जाने के बाद भी 24 घंटे के अंदर 19 मरीजों का ऑक्सीजन लेवल गिरता चला गया। एक-एक कर इनमें से 19 मरीजों की सांसें थम गईं। सोमवार की शाम से लेकर मंगलवार की दोपहर तक इमरजेंसी वार्ड में सांस लेने में हो रही दिक्कत की शिकायत पर भर्ती किए गए 19 मरीजों की मौत होने से स्वास्थ्य कर्मियों में काफी बेचैन दिखी। इन 19 मरीजों की मौत से अब तक सांस लेने में दिक्कत से पीड़ित मरीजों की मरने की संख्या 85 तक पहुंच गई है। जिन मरीजों की सांसें थम गईं, वे मांझा थाना क्षेत्र के पुरानी बाजार निवासी कुंती देवी, नगर थाना क्षेत्र के इंद्ररवा गांव निवासी मुन्ना सिंह, मीरगंज थाना क्षेत्र के जीगना गांव निवासी घरबहारन देवी, थावे थाना क्षेत्र के बगहा गांव निवासी द्वारिका मांझी, कुचायकोट थाना क्षेत्र के सिसवा गांव निवासी सरिता देवी, सिवान जिले के नौतन निवासी शंभु सिंह, बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के विक्रमपुर गांव निवासी शौकत अली, मीरगंज थाना क्षेत्र के नरईनिया गांव निवासी राम कुमारी देवी, सिधवलिया थाना क्षेत्र के बरहिमा गांव निवासी जगरनाथ प्रसाद, नगर थाना क्षेत्र के मुकुनिया गांव निवासी बीरबल सिंह, विजयीपुर थाना क्षेत्र के मठिया गांव निवासी इंदु देवी, फुलवरिया थाना क्षेत्र के बथुआ बाजार निवासी ललमती देवी, उचकागांव थाना क्षेत्र के उचकागांव निवासी रमावती खातून, भोरे थाना क्षेत्र के बेलवां गांव निवासी राम सिंह, थावे थाना क्षेत्र के थावे बाजार निवासी जानकी राम, नगर थाना क्षेत्र के सग्रामपुर निवासी जमीला खातून तथा मांझा थाना क्षेत्र के कमलापुर निवासी जमाल खान थे। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने कहा कि अस्पताल में सभी मरीजों के बेहतर इलाज की व्यवस्था है। सांस लेने में दिक्कत से संबंधित समस्याएं काफी बढ जाने पर मरीजों को अस्पताल लाया जा रहा है। मरीजों को ऑक्सीजन चढ़ाकर चिकत्सक व स्वास्थ्य कर्मी उनकी जान बचाने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं। लेकिन स्थिति काफी क्रिटिकल होने के कारण कई मरीजों की जान चली जा रही है। उन्होंने सांस संबंधित दिक्कत से संबंधित मरीजों को समय रहते अस्पताल ले जाने की लोगों से अपील किया।

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अस्पताल में थम गईं सांस, मरने के बाद भी नहीं मिला स्ट्रेचर

गोपालगंज : सांस लेने की दिक्कत से संबंधित मरीजों के काफी संख्या में सदर अस्पताल पहुंचने से दिन प्रतिदिन व्यवस्था पर दबाव बढ़ता जा रहा है। इमरजेंसी वार्ड में कई मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में सांसें थमने के बाद भी मरीजों के शव इमरजेंसी वार्ड से बाहर ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिल पा रहा है। मरीजों की सांसें थमने के बाद स्वजन उनके शव को निजी वाहन से अपने घर ले जा रहे हैं तो किसी बेटे को अपनी मां का शव गोद में उठाकर ले जाना पड़ रहा है।

मंगलवार को कुचायकोट थाना क्षेत्र के सिसवा गांव निवासी सरिता देवी को स्वजनों ने सांस लेने में समस्या होने के बाद उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक डॉ. अमर कुमार ने इन्हें ऑक्सीजन लगाकर इलाज शुरू किया। लेकिन दो घंटे के अंदर सरिता देवी ने दम तोड़ दिया। महिला की मौत होने के बाद उनके शव को इमरजेंसी वार्ड में बाहर निकालने के लिए स्वजन आधा घंटे तक स्ट्रेचर खोजते रहे। लेकिन उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला। महिला के शव को उनके बेटे गोद में उठाकर वार्ड से बाहर ले गए और निजी वाहन में शव रखकर घर के लिए रवाना हो गए। इमरजेंसी वार्ड में भर्ती थावे बाजार निवासी जानकी राम की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। स्वजन उनका शव घर ले जाने के लिए काफी देर तक परेशान रहे। एंबुलेंस नहीं मिलने पर भाड़ा़ पर बोलेरो तय कर महिला का शव अपने घर ले गए।

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इलाज शुरू होने से पहले ही मरीज ने तोड़ दिया दम

गोपालगंज : थावे थाना क्षेत्र के बगहा गांव निवासी द्वारिका मांझी को सांस लेने में दिक्कत से संबंधित तकलीफ होने पर स्वजन उन्हें सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन इमरजेंसी वार्ड के सभी बेड फुल होने के कारण इस मरीज को बेड नहीं मिल सका। जिसके कारण इनका इलाज समय से शुरू नहीं किया जा सका। इलाज शुरू होने से पहले ही द्वारिका मांझी ने दम तोड़़ दिया। मरीज की मौत होने के बाद स्वजन शंभु पासवान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पर्याप्त संख्या में बेड होने का दावा कर रहा है। लेकिन इमरजेंसी वार्ड में बेड के अभाव में मरीजों का बेहतर इलाज नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण उनकी मौत हो जा रही है।


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