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मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से युवाओं को मिल रहा रोजगार, आप भी उठाना चाहते हैं लाभ तो पढ़ें ये रिपोर्ट

बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए सरकार काफी गंभीर है। अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार की ओर से मुख्यमंत्री उद्यमी योजना चल रही है। उक्त योजना जिले में बेरोजगारों के लिए वरदान साबित हो रहा है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 01:21 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 01:21 PM (IST)
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से युवाओं को मिल रहा रोजगार, आप भी उठाना चाहते हैं लाभ तो पढ़ें ये रिपोर्ट
मुख्‍यमंत्री उद्यमी योजना से मिल रहा लाभ। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, गया। बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए सरकार काफी गंभीर है। अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार की ओर से मुख्यमंत्री उद्यमी योजना चल रही है। उक्त योजना जिले में बेरोजगारों के लिए वरदान साबित हो रहा है। उद्योग विभाग द्वारा बेरोजगारों को दस लाख रुपये तक रोजगार के लिए दिया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत 2018 में की गई थी। योजना प्रारंभ होने से लेकर आज तक 184 लोगों को उद्योग लगाने के लिए राशि दी गई है। जिससे लोगों ने कुटीर एवं लघु उद्योग लगा रखा है। योजना के लाभ पहले सिर्फ अनुसूचित जाति के लोगों को मिल रहा था। लेकिन सरकार ने 2020-21 के वित्तीय वर्ष से सामान्य जाति के लोगों को लाभ देने की घोषणा कर रखी है। अनुसूचित जाति के साथ-साथ अब सामान्य जाति के लोगों को भी लाभ मिल रहा है।

लाभ लेने के लिए कौन से कागजात जरूरी

योजना का लाभ लेने के लिए लोगों को कई कागजात जिला उद्योग केंद्र में जमा करना होगा। जिसमें आवास प्रमाण पत्र, मैट्रिक प्रमाण पत्र, इंटरमीडिएट या समकक्ष योग्यता प्रमाण पत्र, हस्ताक्षर का नमूना, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, जाति प्रमाण पत्र, बैंक खाता शामिल है। उसके बाद जांच कर उद्योग लगाने के लिए राशि दी जाएगी। राशि एक लाख रुपये से लेकर दस लाख रुपये तक दी जाएगी। जिसमें 50 फीसदी का अनुदान दिया जाएगा। किसी भी लाभुकों ऋण की आधा राशि ही देनी है।

कौन-कौन सा उद्योग लगाने के लिए मिलेगी राशि

उद्योग विभाग द्वारा 101 प्रकार के उद्योग लगाने के लिए राशि दी जाएगी। जिसमें बेकरी उत्पादन, आटा उत्पादन, पशु आहार उत्पादन, मुर्गी दाना उत्पादन, तेल मिल, मसाला मिल, नमकीन उत्पादन, आइसक्रीम उत्पादन, दाल मिल, पापड़ उत्पादन, अचार उत्पादन, मधु  उत्पादन, मिठाई उत्पादन, बोतल बंद पानी, बढ़ईगिरि, बांस का सामान उत्पादन, सीमेंट का जाली, मार्बल कङ्क्षटग, डिटजैंट पाउडर, अगरबत्ती उत्पादन, प्लास्टिक सामग्री, रबर मोहर, एलईडी बल्ब का निर्माण, ऑटो गैरेज, सैलून, होटल, चांदी जेवर, पत्थर की मूर्ति निर्माण के साथ-साथ कई उद्योग लगा सकते हैं। जिससे कम लागत में अच्छी आय हो सके।

उद्योग प्रबंधक विरेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत बेरोजगारों को रोजगार मिल रहा है। योजना जिले में वरदान साबित हो रही है। लाभ लेने के लिए लोगों लगातार आवेदन कर रहे हैं।


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