कहीं धुएं के छल्लों से लिपट न जाए कोरोना
फोटो 203 204 विश्व तंबाकू निषेध दिवस विशेष ---------- -निकोटीन युक्त धुआं है सेहत का दुश्मन आज ही शपथ लें धुम्रपान को ना कहें ---------- जागरण संवाददाता गया
गया । यदि आप हर रोज सिगरेट, बीड़ी और चिल्लम की कश जोड़ से लेकर धुएं के छल्ले उड़ाने में मस्त हैं तो सावधान हो जाएं। सिगरेट और बीड़ी का सर्वाधिक बुरा असर फेफड़ों पर पड़ता है। उनसे श्वसन तंत्र प्रभावित होता है। श्वसन रोग के मरीजों पर कोरोना का असर भी घातक है।
यह संक्रमण एक दिन या एक-दो वर्ष में सामने नहीं आने वाला। और जब आएगा तो आपके पास संभलने का मौका नहीं होगा। जरूरत है अभी ही सेहत के प्रति चौकसी बरतने की। जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी सह राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी डॉ. फिरोज अहमद धुआं गटकने वालों को सावधान करते हैं। वह कहते हैं कि धुम्रपान से कैंसर जैसी बीमारियां भी हो सकती है। सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर धुम्रपान करने की मनाही भी कर रखी है।
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लत छुड़ाने के लिए मनोचिकित्सक की सलाह लें: डॉ. दीपशिखा
जयप्रकाश नारायण अस्पताल की मनोरोग विशेषज्ञ डॉ.दीपशिखा धुम्रपान की लत बना रखे लोगों से सकारात्मक सोच रखने की सलाह देती हैं। कई लोग सिगरेट, बीड़ी, गांजा व दूसरी धुम्रपान बुराइयों को जानते हुए भी सेवन करते हैं। उन्हें वे अच्छे काउंसलर से मिलकर इन बुराईयों से निजात पाने की सलाह देती हैं। वह बताती हैं शुरुआत में लोग दोस्तों या स्वजनों के दवाब में आकर धुम्रपान करना शुरू कर देते हैं। उसी समय यदि इस बुराई के प्रति चौकसी बरती जाए तो लत नहीं लगेगी।
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तंबाकू के इस्तेमाल से
कैंसर होने का खतरा
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार, तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल करने पर 50 फीसद पुरुषों एवं 20 फीसद महिलाओं में कैंसर होने की संभावना होती है। इससे 40फीसद टीबी एवं अन्य रोगों के होने की भी आशका रहती है। तंबाकू सेवन के कारण मधुमेह, फेफड़ों की गंभीर बीमारी, स्ट्रोक, अंधापन, नपुसंकता, टीबी एवं कैंसर आदि रोग हो सकते हैं। खैनी, पान या गुटखा जैसे चबाने वाले तंबाकू उत्पाद का सेवन कर इधर-उधर थूकने से भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। देशभर में 15 साल से ऊपर 26.7 करोड़ लोग तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं।
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-तंबाकू सेवन छोड़ने से
स्वास्थ्य में अप्रत्याशित सुधार
-तंबाकू सेवन छोड़ने के 8 घटे बाद ही शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा सामान्य हो जाती है
-1 से 9 महीने के अंदर खांसी एवं सास लेने में तकलीफ जैसी समस्या में सुधार हो जाता है।
-12 महीनों के भीतर हृदय रोग की संभावना तंबाकू इस्तेमाल करने वालों की तुलना में आधी हो जाती है
-5 वर्षो में स्ट्रोक रिस्क में कमी आ जाती है