कोरोना से सावधान रहने के साथ और सतर्कता जरूरी, अब डेंगू और मलेरिया के मच्छर भी पनप रहे
बारिश के बाद मौसम मच्छरों के लिए अनुकूल हो गया है। ऐसे में डेंगू और कालाजार के मच्छर पनप सकते हैं। जलजमाव साफ पानी में पैदा होते हैं डेंगू व मलेरिया के मच्छर इसलिए बरतें एहतियात। सेहत के प्रति लापरवाही पड़ सकती है भारी
भभुआ (कैमूर), जागरण संवाददाता। यास तूफान का असर अब कैमूर में समाप्त हो गया है। परंतु बारिश की वजह से जगह-जगह जलजमाव की स्थिति बन गई है। बीते दिन सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। लेकिन दिन चढ़ते ही मौसम साफ हो गया। धूप भी निकली। लेकिन तूफान के टलने के बाद अब सेहत पर भी नजर रखनी होगी। दरअसल तूफान के बाद कई जगहों पर पानी जमा हो गया है। ऐसे में वहां से डेंगू व मेलेरिया जैसे मच्छर पैदा होते है। उसके बाद लोगों के सेहत पर असर पड़ना शुरू होगा। कोरोना के साथ, साथ अन्य बीमारियों को भी गंभीरता से लेते हुए सेहत की देखभाल जरूरी है। चिकित्सक डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा डेंगू और मलेरिया के बचाव के लिए घरों के पास पानी जमा नहीं होने दे मच्छरदानी लगाएं बुखार आने पर चिकित्सक की सलाह से ही दवाई ले ।
मौसम में उतार-चढ़ाव से स्वास्थ्य पर पड़ता है असर
बारिश के दौरान मच्छरों के बढ़ने से मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है। बारिश के बाद तापमान में बार-बार बदलाव की वजह से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में सावधानी रखना जरूरी है। बुखार को अक्सर लोग वायरल समझ लेते हैं इससे कभी-कभी डेंगू या मलेरिया के मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है। अगर कुछ भी दिक्कत लगे तो तत्काल अस्पताल पहंंच कर सबसे पहले कोरोना की जांच कराएं। उसके बाद अन्य बीमारियों के लिए ब्लड जांच कराने के बाद चिकित्सीय परामर्श के अनुसार दवाईयां लें। वायरल समझ कर टालना बाद में खतरनाक साबित हो सकता है। बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा ठहरे हुए पानी में मच्छर पैदा होने का खतरा रहता है। डेंगू और चिकनगुनिया का मच्छर साफ पानी में और मलेरिया का गंदे पानी में पैदा होता है। हर जगह पानी को पूरी तरह ढककर रखें। कूलर, बाथरूम, किचन आदि में जहां पानी रूका रहता है, वहां दिन में एक बार मिट्टी का तेल या मच्छर भगाने वाले स्प्रे डाल सकते है।
इस स्थिति में चिकित्सीय सलाह जरूरी
अगर 102 डिग्री तक बुखार है, और कोई और लक्षण जैसे बेचैनी, चक्कर, लगातार उलटी, खून आना आदि हैं तो मरीज को तत्काल चिकित्सीय परामर्श की जरूरत है। इसके अलावा भी बुखार आने के बाद जांच के बाद ही कोई दवाईयां लेनी होगी। मरीज के माथे पर सामान्य पानी की पट्टियां रखें। पट्टियां तब तक रखें, जब तक शरीर का तापमान कम न हो जाए। अगर 102 डिग्री से ज्यादा बुखार, आंखों में तेज दर्द, पेट में तेज दर्द, चक्कर आना, बार-बार उलटी आना, नाक, मसूढ़ों, कान या शौच में खून आना, बेहद कमजोरी महसूस करना या बेहोशी आना, तो भी तुरंत डॉक्टर के पास ले जाकर इलाज कराने चाहिए।
डेंगू बुखार के लक्षण
- तेज बुखार और प्लेटलेट्स का कम होना
- सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द
- बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और बेचैनी जैसा महसूस होना
- शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर, लाल - गुलाबी रंग के धब्बा आना
मलेरिया के लक्षण
- कंपकंपी और ठंड के साथ तेज बुखार आना
- 104 -105 डिग्री तक तेज बुखार आना
- उलटी, कमजोरी, चक्कर आना और जी मिचलाना
- जोड़ों में दर्द नहीं, लेकिन सिर दर्द और शरीर दर्द
वायरल बुखार के लक्षण
- तेज बुखार
- खांसी, गला खराब और नाक बहना
- सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द