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क्‍या है यह सुगंधित धान, जिसकी उपज से दोगुनी होती आमदनी, यहां जानिए इसकी खेती की पूरी डिटेल

बिहार के अलावा कई राज्य में सुगंधित धान की मांग है। इसकी खेती करने लायक गया के देहाती इलाका की भूमि उपयुक्त है। बिक्री करने पर साधारण धान से अधिक मूल्य मिलता है। यहां जानिए इसके प्रभेद उपजाने की विधि उपयोग और विज्ञानियों की सलाह।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 08:05 AM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 06:36 PM (IST)
सुगंधित धान की खूब है मांग, सांकेतिक तस्‍वीर।

गया, जागरण संवाददाता। बिहार के अलावा कई राज्य में सुगंधित धान की मांग है। इसकी खेती करने लायक गया के देहाती इलाका की भूमि उपयुक्त है। साधारण धान की तरह ही इसकी खेती होती है। लेकिन बिक्री करने पर उससे अधिक मूल्य मिलती है। अगर किसान खेती करना शुरू करें तो उन्हें अच्छी आमदनी होने लगेगी।

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सुगंधित धान के प्रभेद

किसान सुगंधित धान उपजाना चाहते हैं तो पहले उन्हें प्रभेद का चयन करना होगा। जाने ए है उनके प्रभेद ।

सबौर सुरभित: यह धान बौना किस्म की होती है। इसके दान अत्यंत महीन होते हैं। 15 से 20 दिन के तैयार बिचड़े की रोपाई की जाती है। यह धान 115 से 120 दिन में तैयार हो जाता है। इसकी उपज 40 से 45 ङ्क्षक्वटल प्रति हेक्टेयर होती है।

राजेन्द्र सुवासनी: यह भी बौने किस्म की धान होती है। इसका दाना लंबा और पतला होता है। यह धान 118 से 120 दिन में तैयार हो जाता। इसकी उपज 40 से 50 ङ्क्षक्वटल प्रति हेक्टेयर  होती  है।

 राजेन्द्र कस्तूरी: यह धान बौना किस्म की होती है। इसका दाना महिन होता  है। यह धान 120 से 125 दिन में तैयार हो जाता है। इसकी उपज 40 से 45 ङ्क्षक्वटल प्रति हेक्टेयर होती है।

 राजेन्द्र भगवती: यह धान बौना किस्म का होता है। इसकी दाना पतला और लंबा होता है। यह धान 110 से 115 दिन में तैयार हो जाता। इसकी उपज 40 से 45  ङ्क्षक्वटल प्रति हेक्टेयर होती है।

 भागलपुर कतरनी: यह धान बौना किस्म की होती है। इसका दाना पतला और महीन होता है। यह धान 160 से 165 दिन में तैयार हो जाता है। इसकी उपज 25 से 28 ङ्क्षक्वटल प्रति हेक्टेयर होती है।

 उपजाने की विधि

धान के सभी प्रभेद को एक समान ही लगाया जाएगा। 15 से 20 सेटी मिटर की दूरी पर रोपाई करें। एक हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई करने के लिए 20 किलो धान का बिचडा़ तैयार करें। बीज तैयार करने वक्त नेत्रजन 1 किलो, स्फूर 1 किलो, पोटास 1 किलो छिड़काव करें। बीज गिराने के 15 दिन बाद 1 किलो नेत्रजन और 22 किलो युरिया का छिड़काव करें। धान की रोपाई करने वक्त 80 किलो नेत्रजन, 40 किलो स्फूर एवं 20 किलो पोटास प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें। 25 किलो प्रति हेक्टेयर के दर से ङ्क्षजक सल्फेट डाले। धान की रोपाई करने के 40 दिन बाद तक खरपतवार पर अवश्य ध्यान दें। रोपाई के दो से तीन दिन बाद ब्यूराक्लोर 50 ई.सी.3 लीटर 700लीटर पानी में डालकर छिड़काव करें।

सुगंधित धान का उपयोग

सुगंधित धान से तैयार चावल का पुलाव खाने में काफी स्वादिष्ट लगता है। शादी विवाह एवं अन्य शुभ कार्य के दरम्यान आयोजित होने वाला प्रीति भोज में सुगंधित चावल के पुलाव का इस्तेमाल अवश्य किया जाता है। सुगंधित धान के बने चुड़ा चपटा और लंबा होता है। जो देखने में काफी सुंदर और खाने में काफी स्वादिष्ट लगता है।

क्या कहते वैज्ञानिक

कृषि वैज्ञानिक केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर आशोक कुमार का कहना है कि सुगंधित धान उपजाने के लिए मध्यम किस्म की भूमि चाहिए। ऐसी भूमि गया जिले के ग्रामीण इलाका में मौजूद है। वहां के किसान सुगंधित धान की खेती कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं। जरुरत के अनुसार कृषि वैज्ञानिक से सलाह ले सकते हैं।


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