कल्याणकारी योजनाओं की राशि बैंक खाते में ही जाए तो बढि़या
किसान हित के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अब किसानों तक सीधे पहुंच रहा है। उनके बैंक खाते में सरकार द्वारा घोषित राशि आई भी आने लगी है। अन्य योजनाओं का लाभ भी बैंक खाते में ही मिले तो भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा। सबसे बड़ी बात तो यह है कि हमारे गांव में 126 लोगों का चयन आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया है। इससे पांच लाख तक खर्च वाले इलाज कराने में परेशानी नहीं होगी। हालांकि जानकारी के अभाव में अभी तक जिनका चयन हुआ है वे लोग कार्ड नहीं बनवाएं हैं। पिछले पांच वर्षो में केंद्र की सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से गांव बदल रहे हैं।
विनय कुमार मिश्र, बोधगया :
किसान हित के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अब किसानों तक सीधे पहुंच रहा है। उनके बैंक खाते में सरकार द्वारा घोषित राशि आई भी आने लगी है। अन्य योजनाओं का लाभ भी बैंक खाते में ही मिले तो भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा। सबसे बड़ी बात तो यह है कि हमारे गांव में 126 लोगों का चयन आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया है। इससे पांच लाख तक खर्च वाले इलाज कराने में परेशानी नहीं होगी। हालांकि, जानकारी के अभाव में अभी तक जिनका चयन हुआ है, वे लोग कार्ड नहीं बनवाएं हैं। पिछले पांच वर्षो में केंद्र की सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से गांव बदल रहे हैं।
कुछ यूं बेबाक राय शनिवार को बोधगया प्रखंड के बतसरपुर गांव में चुनावी चौपाल में उपस्थित किसान, युवा व अन्य ग्रामीणों ने रखीं।
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रोजगार सृजित करने की जरूरत
ग्रामीण राम प्रसाद महतो, राजेन्द्र प्रसाद, जगदीश प्रसाद, युवा सुनील कुमार, नवीन कुमार, विरू कुमार व अनूप लाल कहते हैं, देश बदल रहा है। लेकिन बेरोजगार युवाओं की संख्या के अनुसार रोजगार का सृजन नहीं किया गया। यह बात सच है कि कौशल विकास योजना से युवा वर्ग स्वावलंबी हो रहे हैं। लेकिन सरकारी नौकरी की चाह हर किसी की होती है। जरूरत बिहार में अच्छी कंपनियों के निवेश का है। ताकि यहां से कामगारों व युवाओं का पलायन रुके। इसके साथ ही चौपाल में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी ग्रामीण चर्चा करते हुए कहते हैं कि प्रधानमंत्री ने विश्व के पटल पर भारत की एक नई छवि बनाई है। जरूरत किसानों को बिजली में सब्सिडी देने की है।
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स्कूलों की सतत निगरानी की जरूरत
समाजसेवी मनोरंजन कुमार समदर्शी कहते हैं कि अब तो जापान सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थाएं बिहार में जैविक खेती कराने पर जोर दे रही है। इसके लिए बोधगया के कई गांवों का चयन किया गया है। जल्द ही किसानों को उन्नत तकनीक से जैविक खेती का प्रशिक्षण देकर इसे शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांव में कुछेक उज्ज्वला योजना के भी लाभार्थी हैं। विरू कुमार कहते हैं कि बच्चों को शिक्षित करने में अभिभावक रुचि नहीं ले रहे। विद्यालय है, बच्चे स्कूल नहीं जा रहे। शिक्षक आराम फरमा रहे हैं। इसकी सतत निगरानी की जरूरत हैं।