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नौकाडीह में पेयजल के लिए मचा है हाहाकार

गया। प्रखंड मुख्यालय से नौ किमी दूर गोपालपुर पंचायत के नौकाडीह टोला में इन दिनों पेयजल के लिए हाह

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 09:14 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 09:14 PM (IST)
नौकाडीह में पेयजल के लिए मचा है हाहाकार
नौकाडीह में पेयजल के लिए मचा है हाहाकार

गया। प्रखंड मुख्यालय से नौ किमी दूर गोपालपुर पंचायत के नौकाडीह टोला में इन दिनों पेयजल के लिए हाहाकार मचा है। गांव में पहले से लगे सारे चापाकलों से पानी निकलना बंद हो गया है। ग्रामीणों का सहारा चंदा से कराया गया समर्सिबल बोरिग है, जिसे बिजली रहने पर सुबह, दोपहर और शाम में चलाया जाता है। वहां से ग्रामीण पानी का अपने-अपने घरों में संग्रहण करते हैं। टोले में सात निश्चय योजना को क्रियान्वित नहीं कराया गया है। टोला के 95 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं है। टोले के रंजीत माझी बताते हैं कि गाव के बहुत सारे लोग बधार में फूस की झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। लेकिन पानी नहीं होने के कारण यहां से चले गए। विजय माझी व महेश माझी बताते हैं कि यहां जलस्तर गिरने से हीरा बोरिग ही कारगर होगा। टोले के साथ जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। अनुसूचित जाति बहुल टोला होने के बावजूद वार्ड सदस्य द्वारा नल-जल योजना नहीं ली गई। ग्रामीणों ने कहा कि चापाकल की मरम्मत, नल-जल योजना के क्रियान्वयन व शौचालय को लेकर पीएचईडी व प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन दिया गया। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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बोले ग्रामीण

नवम वर्ग की छात्रा क्रांति कुमारी बताती है कि पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं रहने के कारण कई बार स्कूल छोड़ना पड़ता है। खुले में शौच और स्नान करना हमारी मजबूरी है। सारा काम समर्सिबल बोरिग के पानी से होता है।

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ग्रामीण कोसमी देवी बताती हैं कि हम टोले के पश्चिमी छोर पर बसे हैं। यहां से समर्सिबल बोरिग की दूरी आधा किमी है। सबलोग मोटर चालू होने का इंतजार करते हैं। मोटर चालू होने पर डब्बा, तसला में पानी लेकर घर जाते है।

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ग्रामीण गीता देवी कहती हैं कि सबसे ज्यादा परेशानी बहू-बेटियों के लिए है। घर में न पानी है न शौचालय। अब तो शादी विवाह करना भी मुश्किल हो गया है।

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युवा जितेन्द्र माझी बताते हैं कि इस टोले के युवाओं ने 15 से 20 हजार रुपये खर्च कर बोरिग कराया और समर्सिबल मोटर लगाया। तब गांव की इज्जत बच रही है। यहां के लोग मजदूरी कर जीवनयापन करते हैं। केवल एक युवा सुरेश मांझी टोला सेवक है।

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नौकाडीह में पेयजल की समस्या की बात हम तक नहीं पहुंची है। ऐसा है तो सोमवार को बीपीएम के नेतृत्व में एक टीम द्वारा जांच कराकर वहां की समस्या का निदान कराया जाएगा।

संतोष कुमार सिंह, प्रखंड विकास पदाधिकारी, शेरघाटी ।


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