Crime News: औरंगाबाद में 35 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए बीसीओ, निगरानी की टीम ने दबोचा
औरंगाबाद में निगरानी की टीम ने 35 हजार रिश्वत लेते प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को रंगे हाथ दबोच लिया। टीम घुसखोर बीसीओ को अपने साथ लेकर चली गई। व्यापार मंडल के अध्यक्ष से रिश्वत लेते समय उन्हें पकड़ा गया।
जेएनएन, औरंगाबाद। ओबरा के प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी अंकेश पासवान को 35 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया गया। व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनीश कुमार से रिश्वत लेते समय निगरानी की टीम ने बीसीओ को पकड़ा। टीम उसे साथ लेकर पटना चली गई। सुबह करीब 11 बजे के आसपास निगरानी की नौ सदस्यीय टीम ने बीसीओ कार्यालय पर धावा बोला था। पकड़ा गया बीसीओ मुजफ्फरपुर जिले का रहने वाला है।
भुगतान के एवज में मांग रहा था 40 हजार रुपये
बता दें कि ओबरा व्यापार मंडल अध्यक्ष अनीश कुमार उर्फ गिरीश शर्मा ने बीसीओ के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। निगरानी में कहा था कि पैसे के भुगतान के लिए उनसे 40 हजार रुपये रिश्वत बीसीओ मांग रहे हैं। शिकायत के बाद निगरानी ने मामले का सत्यापन कर टीम गठित की। गुरुवार को व्यापार मंडल अध्यक्ष अनीश कुमार 35 हजार रुपये लेकर प्रखंड सहकारिता कार्यालय पहुंचे। 500 रुपये के कुल 70 नोट थे। जैसे ही बीसीओ ने पैसे लिए निगरानी की टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद निगरानी विभाग की टीम प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को लेकर अपने साथ पटना चली गई। जानकारी के अनुसार करीब 10 लाख रुपये का भुगतान काफी समय से लंबित था। जिसका भुगतान नहीं किया जा रहा था। इसी राशि के भुगतान के बदले में बार-बार बीसीओ रिश्वत मांग रहा था। यह राशि ट्रांसपोर्टिंग और अन्य मद का था।
इधर जिला प्रशासन ने बयान जारी करते हुए कहा है कि सरकार ने जिला स्तरीय एवं राज्यस्तरीय निगरानी समिति एवं धावा दल का गठन करते हुए नियंत्रण कक्ष के नंबर जारी किए गए थे। उन पर प्राप्त शिकायतों पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। इधर बीसीओ के निगरानी के हत्थे चढ़ने की खबर सुन जिले के विभिन्न कार्यालयों में हड़कंप मच गया है। बता दें कि करीब तीन वर्ष पहले दाउदनगर सीओ विनोद कुमार सिंह को भी निगरानी की टीम ने लगभग 3 लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।