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Kaimur News: नसबंदी है बहुत सुरक्षित और आसान, इससे स्‍वास्‍थ्‍य पर नहीं पड़ता कोई कुप्रभाव

कैमूर की जिला अपर मुख्य चिकित्सक डॉ. मीना कुमारी ने कहा कि पुरुष आगे आएं तो परिवार नियोजन की प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी। उन्‍होंने कहा कि महिलाओं के बंध्‍याकरण की तुलना में पुरुष नसबंदी बिल्‍कुल सुरक्षित और आसान है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 09:39 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 09:39 AM (IST)
Kaimur News: नसबंदी है बहुत सुरक्षित और आसान, इससे स्‍वास्‍थ्‍य पर नहीं पड़ता कोई कुप्रभाव
परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी जरूरी। प्रतीकात्‍मक फोटो

जासं, भभुआ (कैमूर)।  संतुलित परिवार और बेहतर स्वास्थ्य के लिए पति-पत्‍नी दोनों की सहभागिता जरूरी है। इसमें कैमूर जिले की महिलाएं तो अपनी जिम्‍मेदारी निभा रही हैं लेकिन पुरुष वर्ग इसमें पिछड़ रहे हैं। बात हो रही है परिवार नियोजन (Family Planning) की। बंध्‍याकरण (Sterilization) के अनुपात में नसबंदी (Vasectomy) का आंकड़ा बेहद निराशाजनक है। इसके पीछे पुरुषों में मिथक बड़ी वजह है। इसमें सुधार लाने के लिए सरकार समय- समय पर मिशन परिवार विकास अभियान, परिवार नियोजन पखवाड़ा और दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा जैसे कई कार्यक्रम चलाती है। लेकिन जागरूकता और जानकारी के अभाव में अभी भी जिले में  पुरुष नसबंदी की स्थिति काफी निराशाजनक बनी है।  

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पुरुष नसबंदी है बिल्कुल आसान और सुरक्षित

जिला अपर मुख्य चिकित्सक डॉ. मीना कुमारी बताती हैं पुरुष नसबंदी तो महिला नसबंदी की तुलना में काफी आसान और सुरक्षित  है। यह प्रक्रिया बिना चीरा एवं टांके  के आधे घंटे से कम समय में ही पूरी हो जाती है। उसके बाद लाभार्थी आराम से घर जा सकते हैं। सभी सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर पुरुष नसबंदी की सुविधा निश्‍शुल्क उपलब्ध है। चूंकि एक महिला पर घर और बच्चों की ज़िम्मेदारी भी होती है इसलिए बंध्‍याकरण के बाद आवश्यक शारीरिक आराम नहीं मिल पाती। ऐसे में पुरुषों की ये नैतिक ज़िम्मेदारी भी है कि वे आगे बढ़ कर नसबंदी को अपनाएं ।

नसबंदी से पुरुषत्‍व में नहीं होती कोई गिरावट  

डॉ. मीना बताती हैं कि लोगों में यह वहम है कि नसबंदी से पुरुष में शारीरिक एवं पुरुषत्‍व की कमी हो जाती है। लेकिन यह सब वहम ही है। इससे न शारीरिक कमज़ोरी आती है और न ही पुरुषत्व का क्षय होता है। इससे रोज के कामकाज पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ऑपरेशन के आधे घंटे के बाद ही घऱ जाया जा सकता है। पुरुष नसबंदी  के क्षेत्र में पुरुषों की उदासीनता की सबसे बड़ी वजह समुदाय में इसके बारे में प्रचलित कई भ्रांतियाँ हैं। जिसे दूर करने के लिए नसबंदी से संबन्धित सही तथ्यों को समझना आवश्यक है। इसके विषय में सम्पूर्ण जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साइट्स पर उपलब्ध हैं।

लाभार्थी एवं प्रेरक दोनों को प्रोत्साहन राशि

पुरुष नसबंदी  की स्थिति में सुधार लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग काफी प्रयास कर रहा है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों को नसबंदी कराने  के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को भी ज्यादा रखा गया है। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को तीन हजार रुपये एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपये दिए जाते हैं।  जबकि बंध्‍याकरण के लिए महिला को दो हजार एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपये दिए जाते हैं।


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