चार माह बाद मिले मलेरिया के दो मरीज हुए स्वस्थ
फोटो 201 -मई की रिपोर्ट में शहर के सीढि़यां घाट में मुंबई से लौटे युवक व गांधीनगर की महिला में मिले थे मलेरिया के पारासाइट -अप्रैल तक जिले में 2633 ब्लड स्लाइड कलेक्शन कर हुई जांच में नहीं मिला कोई मरीज मरीज में दो की पहचान ---------- जागरण संवाददाता गया
गया । जिले में बीते चार महीने के बाद सरकारी आकड़ों में मलेरिया के दो मरीज चयनित हुए हैं। नगर प्रखंड के सीढि़या घाट में 17 वर्षीय युवक व मानपुर के गाधीनगर में 28 वर्षीय महिला की ब्लड जांच में मलेरिया के पारा साइट पाए गए। युवक करीब ढाई माह पहले मुंबई से लौटा था, जिसकी मलेरिया पैरासाइट जाच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। गया जिले में जनवरी से अप्रैल तक कोई भी मलेरिया का केस नहीं आया था। मई महीने में दो संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट प्राप्त हुई। जनवरी से अप्रैल तक 2633 ब्लड स्लाइड कलेक्शन कर के नमूनों की जाच की गई।
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1 जून से 23 जुलाई तक डीडीटी दवा का हो रहा छिड़काव
जिला मलेरिया विभाग जून में मलेरिया नियंत्रण माह मना रहा है। 1 जून से 23 जुलाई तक डीडीटी दवा का छिड़काव किया जा रहा है। जिले के तीन प्रखंड नगर प्रखंड, परैया व टिकारी में दवा का छिड़काव होना है। अभी नगर के जगन्नाथपुर व परैया के धर्मशाला में दवा का छिड़काव किया जा रहा है। जिला मलेरिया नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर एमई हक ने कहा कि सभी जगहों पर दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
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प्लाजमोडियम फैल्सी फेरम
है ज्यादा खतरनाक
मलेरिया नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एमई हक ने बताया कि मादा एनोफ्लिज मच्छर के काटने से मलेरिया होता है। इसमें जाड़ा देकर तेज बुखार आता है। वजन घटने लगता है। मलेरिया के दो प्रकार बताते हुए कहा कि प्लाजमोडियम फैल्सी फेरम ज्यादा खतरनाक है। इसे मस्तिष्क ज्वर के नाम से भी जाना जाता है। इसमें समय से सही इलाज नहीं होने पर मरीज की जान जाने का खतरा रहता है। अधिकारी ने बताया कि पिछले साल इस खतरनाक मलेरिया पीएफ के 12 मरीज मिले थे। इस साल अब तक कोई मरीज नहीं मिला है।