गया के सीआरपीएफ कैंप में तीन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, बोले- आ गए थे बहकावे में
गया में तीन नक्सलियों ने आत्मसर्मण कर दिया है। तीनों नक्सली भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर थे। सभी नक्सली संगठन को छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो गए।
गया, जेएनएन। गया जिले के छकरबंधा थाने के मोहनिया गांव निवासी सूबेदार यादव, मनदीप यादव एवं लूटआ थाने के असुरा गांव निवासी शशि मांझी ने बुधवार को एडीजे सुशील मानसिंह खोपड़े एवं पुलिस महानिरीक्षक राकेश राठी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। तीनों नक्सली भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर थे। सभी नक्सली संगठन को छोड़कर बुधवार को समाज की मुख्य धारा में शामिल हो गए। नक्सलियों ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कुछ लोगों के बहकावे में आकर मुख्यधारा से भटक कर नक्सली संगठन में शामिल हुए थे ।वहां जाने के बाद नक्सली संगठन की सच्चाई की जानकारी मिली। वहां बराबर प्रताड़ना यातना और कई तरह की पीड़ा दी जाती थी। वह लोग परिवार से दूर रहते थे और कई तरह के कार्य करने के लिए नक्सली संगठन के शीर्ष नेता दबाव बनाते थे। इस से ऊब कर इन लोगों ने सीआरपीएफ आवर बिहार पुलिस से संपर्क किया। सुरक्षा की गारंटी के साथ मुख्यधारा में शामिल हो गए।
मुख्य धारा में लौटे हैं युवा- एजीजे
एडीजे सुशील मानसिंह खोपड़े ने कहा कि युवा भटक गए थे। अब वे मुख्यधारा में लौट आए हैं। राज सरकार द्वारा चलाए जा रहे सकारात्मक कार्यों की मदद से इन्हें सहयोग दी दिया जाएगा। जो युवा अभी भी मुख्यधारा से भटक गए हैं उन्हें सम्मान से लौटने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सरकार अपराध के खिलाफ है अपराधी के नहीं। कुछ गलतियों के कारण युवा भटक जाते हैं। मुख्यधारा में आने के बाद उन्हें हरसंभव मदद प्रशिक्षण और सहयोग दिया जाएगा।
आत्मसमर्पण कार्यक्रम में सीआरपीएफ के उपमहानिरीक्षक संजय कुमार, गया के वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा, औरंगाबाद एसपी पंकज कुमार, 159 बटालियन सीआरपीएफ के कमांडेंट निशित कुमार, 205 कोबरा बटालियन के कमांडेंट दिलीप कुमार श्रीवास्तव, 153 बटालियन के कमांडेंट एसके चौधरी अपर पुलिस अधीक्षक अभियान कुमार ओमप्रकाश सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद राजेश कुमार आदि मौजूद थे।