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नवादा में डायरिया से तीन की मौत, दर्जन भर पीडि़त, झोला छाप चिकित्‍सक से करा रहे थे इलाज

जिले के हिसुआ प्रखंड के बगोदर गांव के टोला बल्लूपुर में डायरिया से तीन लोगों की मौत की हो गई। जबकि दर्जनभर लोग पीडि़त हैं। लोग पिछले दो-तीन दिनों से डायरिया की चपेट में थे। लेकिन अस्पताल न जाकर गांव के झोला छाप डॉक्‍टर से इलाज करा रहे थे।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 12:00 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 12:59 PM (IST)
ग्रामीण चिकित्सकों से इलाज कराने से हुई मौत, सांकेतिक तस्‍वीर।

संसू, हिसुआ (नवादा) : प्रखंड के बगोदर गांव के टोला बल्लूपुर में डायरिया से तीन लोगों की मौत की हो गई। जबकि दर्जनभर लोग पीडि़त हैं। लोग पिछले दो-तीन दिनों से डायरिया की चपेट में थे। लेकिन, अस्पताल नहीं पहुंच रहे थे। गांव में ही झोला छाप डॉक्‍टर से इलाज करा रहे थे। रविवार की रात पीएचसी प्रभारी को इस बात की सूचना दी गई। तब मेडिकल टीम को गांव भेजा गया।

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डर से नहीं जा रहे थे सरकारी अस्‍पताल

जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार गांव के इन्द्रदेव मांझी 55 वर्ष, कृष्ण मांझी का नाती 12 वर्षीय पिन्टु कुमार एवं कपूर मांझी की 20 वर्षीया पुत्री सोनी कुमारी की मौत हुई है। बताया गया कि पीडि़त लोग अस्पताल आने की बजाय ग्रामीण चिकित्सकों से इलाज करा रहे थे। कुछ ही स्थिति ज्यादा बिगड़ी तो चार लोगों को उनके स्वजन हिसुआ के एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया। पीडि़तों के दिमाग में किसी ने बैठा दिया था कि सरकारी अस्पताल में इलाज की सुविधा नहीं है, ऐसे में लोग इधर-उधर इलाज करा रहे थे।

इस बीच पीडि़त रंजीत कुमार ने रविवार की रात इसकी जानकारी बगोदर गांव निवासी धनंजय कुमार को दी। धनंजय ने तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हिसुआ के प्रभारी डॉ. स्वीटी कुमारी को सूचना दी। सूचना मिलते ही प्रभारी हरकत में आई और तत्काल मेडिकल टीम को प्रभावित गांव भेजकर हालात को नियंत्रित करने का आदेश दिया। प्रभारी के आदेश पर मेडिकल टीम बल्लूपुर गांव पहुंचकर पीडि़तों का इलाज आरंभ किया। सोमवार को गांव की नाली एवं गंदे स्थानों पर ब्लीङ्क्षचग पाउडर का छिड़काव कराया गया। इलाज के बाद स्थिति नियंत्रण में है। मेडिकल प्रभावित ग्रामीणों को हमेशा ताजा खाना खाने सहित चालू मौसम में  अन्य सावधानियां बरतने की सलाह दी।

छककर मांस और शराब का सेवन किया

चिकित्सक डॉ. कुमार के अनुसार शुक्रवार को मृतक इंद्रदेव मांझी के घर सुअर कटा था। लोगों ने छककर मांस और शराब का सेवन किया था। जिसके कारण इंद्रदेव मांझी को पहले डायरिया हुआ। सार्वजनिक चापाकल पर उसके कपड़े धोने से जितने भी लोग चापाकल के संपर्क में आए सभी डायरिया का शिकार हो गए।

कहते हैं अधिकारी

सीएचसी हिसुआ की प्रभारी डॉ स्‍वीटी कुमारी ने बताया कि सोमवार को जानकारी मिलते ही मेडिकल टीम को गांव भेजा गया। कुछ मरीजों को सीएचसी लाया गया है। गांव में जरूरी दवाएं वितरित की गई है। ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया है। किसी तरह की दिक्कत आने पर अस्पताल आने का सुझाव दिया गया। अस्पताल में प्रर्याप्त मात्रा में दवाईयां है।


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