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सासाराम नप की योजनाओं में घालमेल करने वालों पर गिरेजी गाज, डीएम ने दिया प्राथमिकी का आदेश

रोहतास के लोक शिकायत निवारण कोषांग में सासाराम नगर परिषद के पूर्व पार्षद की शिकायत पर नगर परिषद की योजनाओं में गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। इस मामले में डीएम ने दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 04:28 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 04:28 PM (IST)
योजनाओं में गड़बड़ी करने वालों पर कसेगा शिकंजा। प्रतीकात्‍मक फोटो

सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। नगर परिषद की योजनाओं में हुई घोटालों की लंबी फेहरिस्त धीरे-धीरे सामने आ रही है। शहर के वार्ड संख्या 34 में सड़क निर्माण से लेकर कम्पोस्ट पिट शेड निर्माण, ठोस कचरा प्रबंधन के लिए चयनित स्थल की चारदीवारी से लेकर पिट शेड में बिना विद्युतीकरण कराए ही राशि हजम करने का मामला सामने आने पर डीएम धर्मेंद्र कुमार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। उन्‍हाेंने दोषी अभियंता, पदाधिकारी व अभिकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। साथ ही साथ योजनओं की जांच करने वाली टीम की ओर से अनुशंसित राशि को वसूलने के लिए संबंधित लोगों के खिलाफ नीलाम पत्र दायर करने का निर्देश ईओ अभिषेक आनंद को दिया है। वार्ड संख्‍या 34 के पूर्व पार्षद अतेंद्र सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद डीएम सह लोक शिकायत निवारण द्वितीय अपीलीय प्राधिकार रोहतास ने यह फैसला सुनाया है।

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बिना काम कराए कर दिया लाखों का भुगतान

बताते चलें कि पिछले नौ  माह से पूर्व पार्षद अपने वार्ड स्थित पंचशील कॉलोनी में खजुरिया कब्रिस्तान के बगल में बनाए गए 90 फीट लंबी और 12 फीट चौड़ी पीसीसी सड़क निर्माण से लेकर कंपोस्ट शेड निर्माण और चारदीवारी के निर्माण में गड़बड़ी का मामला लोक शिकायत में दर्ज कराया था। योजनाओं में हुई गड़बड़ी के आरोप पर संज्ञान लेते हुए डीएम ने मामले की जांच वरीय उप समार्हता रश्मि सिंह और स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता से करवाई थी। जांच टीमने बिहना ईंट सोलिंग किए पीसीसी करने और नाली का निर्माण नहीं करने संबंधित रिपोर्ट दी। बताया कि योजना की मापी पुस्तिका भी जांच टीम के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत कचरा प्रसंस्करण के लिए किए गए कार्य में विद्युतीकरण, साइनबोर्ड व शेड में लगाए गए शीट का पेंट करने का कार्य मापी पुस्तिका में दिखाई गई लेकिन काम हुआ ही नहीं। मापी पुस्तिका में चारदीवारी निमार्ण कार्य में प्लास्टर और उसका रंग रोगन कर लिए जाने को दर्शाते हुए 60 लाख 40 हजार 904 रुपये का भुगतान कर दिया गया।

अभिकर्ता से वसूली की अनुशंसा

इस मामले में जांच टीम ने अभिकर्ता से 93, 100 रुपये वसूली की अनुशंसा भी की है। पिट निर्माण के लिए भर गए मिट्टी की मापी में गड़बड़ी की अशंका व्यक्त की गई है। डीएम ने  स्वीकार किया है कि पिट निर्माण का कार्य मानक के अनुरुप नहीं किया गया है। इसमें योजना के अभिकर्ता जेई महंत पाण्डेय, योजना की जांच करने भुगतान करने के लिए तकनीकी अनुशंसा देने वाले में सहायक अभियंता जीतेंद्र कुमार व पूर्व ईओ कुमारी हिमानी का नाम शामिल है।


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