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कौमी एकता का संदेश दे गई मड़ही पूजा, चादरपोशी के साथ किया गया दो दिवसीय पूजा का समापन

नवादा जिले के वारिसलीगंज स्थित पांडेय गंगौट में मरही पूजा का समापन चादरपोशी के साथ किया गया। इसमें हिंदू एवं मुसलमानों ने मिलकर चादरपोशी की। यहां कौमी एकता का सुंदर नजारा दिखा। बुधवार को मेहमानों को विदाई दी गई।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 02:16 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 02:16 PM (IST)
कौमी एकता का संदेश दे गई मड़ही पूजा, चादरपोशी के साथ किया गया दो दिवसीय पूजा का समापन
चादरपोशी के लिए एकत्र हुए श्रद्धालु। जागरण

गया\नवादा, जेएनएन। नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के बाली व कौआकोल प्रखंड क्षेत्र के पांडेय गंगौट में आयोजित दो दिवसीय मड़ही पूजा का समापन मेहमानों की विदाई के साथ बुधवार को किया गया। इसके साथ ही पूजा में आए लोगों की सलामती की प्रार्थना की गई। न धर्म न जाति का भेद, पंगत में 15 हजार लाेगाें ने एक साथ प्रसाद ग्रहण किया।

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जिले के शाहपुर ओपी अंतर्गत प्रेम सौहार्द तथा भाईचारा का प्रतीक मड़ही पूजा बाली गांव में सोमवार व मंगलवार  को उत्साह व धूमधाम से की गई। उक्त पूजा में हिंदू मुसलमान दोनों समुदाय के लोगो ने सौहार्द प्रेम के साथ पूजा कर मिसाल कायम की। करीब 15 हजार श्रद्धालुओं ने पूजा व चादरपोशी की। इसके साथ ही बच्चों का मुंडन संस्कार कराया गया। इसके बाद हिंदू-मुस्लिम ने मिलकर वारिस पिया के परम शिष्य बाबा पंचवदन की गद्दी पर एकसाथ मिलकर चादरपोशी की।

व्यवस्थापक देवाश्रय कुमार चंचल ने बताया कि महान सूफी संत पंचवदन सिंह की याद में चादरपोशी की जाती है। श्रद्धालु चादरपोशी कर देश और समाज की सलामती की दुआ करते हैं। कार्तिक महीना के द्वितीया के दिन पूजा की जाती रही है। इस दिन यहां भव्य मेला का आयोजन किया जाता है। दो दिनों के मड़ही उत्सव में 20 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे हैं। मुखिया नीलम देवी ने कहा बाली मड़ही पूजा में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के ठहरने तथा खाने की व्यवस्था की गई थी।

कार्यक्रम के दौरान दिन रात भजन कीर्तन से माहौल भक्तिमय हो गया। वही रात्रि में गया के मशहूर शाहरुख खान उर्फ खान भारती तथा बनारस की मशहूर कव्वाल रुखसाना बानो ने कव्वाली व सूफी संगीत पर लोग झूमते रहे। बुधवार को परंपरागत खिचड़ी भोज के बाद मेहमानों की विदाई दी गई।

बाली में 1974 से होती आ रही है बाबा पंचवदन व गुरु नंद बाबा की पूजा

 सूफी संत महंत पंचवदन सिंह व उनके गुरु नंद बाबा की पूजा 1974 से प्रतिवर्ष होती आ रही है। ग्रामीणों ने बताया पूर्व महंत बनारस प्रसाद सिंह ने पूजा की शुरूआत की थी। जिस रीति रिवाज से पूजा अर्चना करते आ रहे थे ,उसी अनुरूप उनके द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण कर कार्तिक माह के दूसरे दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगाजल व गुलाबजल से स्नान कर पूजा का शुभारंभ किया गया। इसी प्रकार कौआकोल के पांडेयगंगौट में भी अनुयायियों ने मड़ही पूजा में भाग लेकर असीम श्रद्धा का परिचय दिया।अब करवा चौथ के दिन उत्तरप्रदेश के बाराबंकी जिला देवाशरीफ में आयोजित होने वाले 15 दिवसीय उर्स में भाग लेने जिले से भारी संख्या में श्रद्धालु रवाना हो गए हैं।


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