पाकिस्तान पर भारत की जीत का प्रतीक ईस्टर्न कार्डिनल विजय ज्वाला पहुंचा ओटीए गया, वर्ष 1971 युद्ध का है प्रतीक
विजय ज्वाला के सम्मान के रूप में सोमवार को अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी गया के ड्रिल स्कवायर में एक औपचारिक परेड किया गया। परेड के बाद युद्ध के नायकों को ले. ज. जीएवी रेडडी सहित विभिन्न रैंक के अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी।
जागरण संवाददाता, बोधगया : पूरा राष्ट्र वर्ष 2021 को स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मना रहा है। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि के साथ जो उत्साह शुरू हुआ। उसके बाद चार मुख्य दिशाओं में चार विजय ज्वालाएं पूरे देश में भेजी गई। पूर्वी कार्डिनल विजय ज्वाला जिसने 1971 की युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर जीत की 50 वर्ष को चिन्हित किया। वो रविवार की देर शाम गया स्थित आफिसर प्रशिक्षण अकादमी पहुंचा। विजय ज्वाला के सम्मान के रूप में सोमवार को अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी गया के ड्रिल स्कवायर में एक औपचारिक परेड किया गया।
विभिन्न रैंक के अधिकारी एवं युद्ध में शामिल सैनिकों ने किया माल्यार्पण
परेड के बाद 1971के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए युद्ध स्मारक पर समादेशक ले. ज. जीएवी रेडडी सहित विभिन्न रैंक के अधिकारी एवं युद्ध में शामिल हुए अवकाश प्राप्त सैनिकों ने माल्यार्पण किया। उसके बाद विजय ज्वाला गया से वाराणसी के लिए रवाना हुआ। बता दें कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया और बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना। 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर किया था।
1971 का भारत-पाक युद्ध भारत एवं पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष
1971 का भारत-पाक युद्ध भारत एवं पाकिस्तान के बीच एक सैन्य संघर्ष था। इसका आरम्भ तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के स्वतंत्रता संग्राम के चलते 3 दिसंबर, 1971 से लेकर दिनांक 16 दिसम्बर, 1971 तक हुआ था। युद्ध का आरम्भ पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के 11 स्टेशनों पर हवाई हमले से हुआ। मात्र 13 दिन चलने वाला यह युद्ध इतिहास में दर्ज लघुतम युद्धों में से एक रहा था और भारत का नाम वैश्विक स्तर पर शान से चमक रहा था।