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बोधगया में दर्शन कर अभिभूत हुए मंगोलिया के स्‍पीकर, बोले-भारत से हमारे देश का आध्‍यात्मिक संबंध

मंगोलिया की संसद के स्‍पीकर समेत अन्‍य सदस्‍यों ने शुक्रवार को महाबोधि मंदिर में दो घंटे तक की पूजा अर्चना महाबोधि सोसाइटी में भगवान बुद्ध व उनके शिष्यों के अस्थि अवशेष का दर्शन किया। आज सभी लौट जाएंगे दिल्‍ली।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 01:20 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 01:20 PM (IST)
महाबोधि सोसायटी में प्रतीक चिह्न भेंट करते प्रभारी भंते राहुल। जागरण

बोधगया, जागरण संवाददाता। मंगोलियाई संसद (Mongolia Parliament) के अध्यक्ष गोम्बो जैब जेन्दनशातर (Gombojwyn Zandanshatar) ने कहा कि भारत हमारा सिर्फ आध्यात्मिक पड़ोसी नही हैं, बल्कि इसके साथ हमारा आध्यात्मिक संबंध भी हैं। यहां की संस्कृति और इतिहास हमें जोड़ती हैं। भारत एक पवित्र भूमि है, जहां भगवान बुद्ध (Lord Buddha) को ज्ञान प्राप्त हुआ था। यहां का लोकतंत्र, मानवाधिकार और स्वतंत्रता की गाथा हमारे देश को जोड़ती है। वे शुक्रवार को महाबोधि मंदिर समेत अन्‍य जगहों का दर्शन करने के बाद मीडिया से मुखातिब थे।

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महाबोधि मंदिर का दर्शन अभिभूत हैं हम 

उन्‍होंने कहा कि विश्वदाय धरोहर महाबोधी मंदिर दर्शन कर न केवल हम बल्कि दल के सभी सदस्य अविभूत हैं। भारत बौद्ध धर्म की जन्मभूमि है, इस नाते सभी बौद्धोंं की भारत के प्रति प्रगाढ़ आस्था हैं। इसके पहले वे अपने सभी शिष्टमंडल के साथ महाबोधी मंंदिर पहुंचे जहां बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे ने सभी को खादा भेंट कर स्वागत किया। सभी मंदिर के गर्भगृह पहुंचे व लगभग एक घंटे तक पूजा अर्चना कर बुद्ध की प्रतिमा पर चीवर अर्पित किया। मंदिर में भिक्षु प्रभारी भंते चलिन्दा के नेतृत्व में बीटीएमसी के भिक्षुओं ने पूजा कराई। इसके बाद पवित्र बोधिवृक्ष को नमन कर ध्यान साधना किया। 

भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष का किया दर्शन 

महाबोधी मंदिर दर्शन के बाद सभी सदस्‍य महाबोधी सोसाइटी ऑफ इंडिया पहुंचे जहां भगवान बुद्ध व उनके शिष्यों के पवित्र अस्थि अवशेष का दर्शन किया। वहां उन्हें अस्थि अवशेष का प्रतीक भंते राहुल ने भेंट किया। उसके बाद पे मंगोलिया मोनास्ट्री गए। वहां से होटल लौट गए। दोपहर बाद सभी विमान से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। बता दे कि गुरुवार की रात इनके सम्मान में बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष की ओर से रात्रि भोज दिया गया था। उपाध्यक्ष भी मंगोलिया के बौद्ध मठ पहुंचे। मंगोलिया संसद के अध्यक्ष को बिहार विधान परिषद का स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। 


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