Corona Effect: स्कूल तो चली नहीं, अपने दम पर रोहतास जिले के सवा लाख बच्चे देंगे मैट्रिक और इंटर की परीक्षा
रोहतास जिले में करीब सवा लाख छात्र-छात्राएं मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में शामिल होंगे। इन्हें अपने दम पर परीक्षा देनी होगी क्योंकि कोरोना के कारण स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो सकी। स्कूल खुले भी वहां शिक्षक नहीं थे।
जेएनएन, सासाराम। अगले वर्ष होने वाली मैट्रिक व इंटर बोर्ड की परीक्षा की कवायद तेज हो गई है। दोनों परीक्षा के लिए पंजीयन का कार्य पूरा हो गया है। अगले कुछ दिनों में परीक्षा फाॅर्म भरे जाएंगे। इंटर परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों का सेंटप एग्जाम भी लगभग खत्म हो गया है। खास बात तो यह कि बिना स्कूल गए छात्रों को परीक्षा देनी होगी। उन्हें अपने बूते ही तैयारी कर मिशन एग्जाम में शामिल होना पड़ेगा।
60 केंद्र पर होगी परीक्षा- अगले वर्ष होने वाली मैट्रिक व इंटर बोर्ड परीक्षा को ले जिला प्रशासन ने 60-60 केंद्र बनाया है। इसकी स्वीकृति के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को प्रस्ताव भेजा है। मैट्रिक में जहां 60 हजार तो इंटर की परीक्षा में 55 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे।
जिले में हैं 207 हाई स्कूल- जिले में 207 हाई स्कूल वर्तमान में हैं। इनमें से 88 उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय हैं। जिन्हें परीक्षा समिति ने कोड भी आवंटित कर दिया है। वर्तमान में 70 विद्यालयों में नौवीं व दसवीं की पढ़ाई विभागीय संचिकाओं में हो रही है। उत्क्रमित स्कूलों की स्थिति यह है कि अधिकांश में अब तक एक भी शिक्षक की पदस्थापना नहीं हो पाई है, जबकि वहां भी पढ़ाई शुरू है व छात्र- छात्रा पिछली बार की मैट्रिक परीक्षा में भाग लिए थे व इस बार भी लेंगे। कमोबेश ही यही स्थिति उच्च माध्यमिक विद्यालयों की भी है। जहां विषयवार शिक्षकों की घोर कमी है। विभाग सामंजन नीति के तहत भी शिक्षक विसंगती को दूर नहीं कर सका है। जिसका खामियाजा वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। कारण कि जिन पंचायतों में नए सिरे से नौवीं की पढ़ाई इस साल शुरू की गई है वहां पर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति विभाग ने कर दी है । ऐसी स्थिति में पुराने स्कूलो में शिक्षकों की कमी होना स्वाभाविक है । लेकिन इस अोर किसी का ध्यान नहीं है।